फरीदपुर, बरेली। जानलेवा हमले की विवेचना मे आरोपियों के नाम निकालने के बदले 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते फरीदपुर थाने के दरोगा सुनील कुमार वर्मा को शुक्रवार को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। सादे कपड़ों में पहुंची टीम को दरोगा ने वर्दी का रौब दिखाने की भी कोशिश की। आरोपी के खिलाफ फरीदपुर थाने मे भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं मे रिपोर्ट कराई गई है। फरीदपुर थाने मे डेढ़ साल से तैनात दरोगा सुनील कुमार वर्मा मूलरूप से जिला बिजनौर के थाना कोतवाली शहर के रसीदपुर गढ़ी का निवासी है। काफी समय से उसका परिवार रामपुर के थाना सिविल लाइंस की विष्णु विहार कॉलोनी, ज्वालानगर मे रहता है। फरीदपुर थाना क्षेत्र के गांव भगवंतापुर निवासी रेहान अंसारी से उसने जानलेवा हमले के एक मामले की विवेचना मे फायदा पहुंचाने और आरोपियों के नाम निकाल कर मामले को खत्म करने का वादा किया था। इसके लिए एक लाख रुपये की रिश्वत तय की गई। रेहान ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम से की थी। शुक्रवार को दरोगा ने रेहान को रुपये लेकर थाने बुलाया था। रेहान की सूचना पर एंटी करप्शन की ट्रैप टीम ने इंस्पेक्टर प्रवीन सान्याल के नेतृत्व में जाल बिछा दिया। दरोगा रुपये लेने के लिए रेहान को थाने में रसोई के सामने पीपल के पेड़ के नीचे ले गया। रेहान ने उसे 10 हजार रुपये दिए तभी एंटी करप्शन की टीम ने दरोगा को दबोच लिया। दरोगा ने वर्दी का रौब भी दिखाया, लेकिन जब उसे पता लगा कि अब वह फंस चुका है तब उसके होश उड़ गए।।
बरेली से कपिल यादव