10 फरवरी से आपके घर पहुंचेगी फाइलेरिया रोधी दवा, जरूर खाएं

  • सर्वजन दवा सेवन पर मीडिया कार्यशाला में बोले सीएस
  • शहरी क्षेत्र में प्रचार-प्रसार के लिए 13 जागरूकता रथ रवाना
  • स्वस्थ व्यक्ति भी खाएं फाइलेरिया रोधी दवा 

वैशाली/बिहार- फाइलेरिया लाईलाज बीमारी है। इससे बचने का एकमात्र उपाय सर्वजन दवा सेवन के तहत मिलने वाली फाइलेरिया रोधी दवाओं की खुराक है। अगर आप स्वस्थ हैं फिर भी 10 फरवरी से शुरू होने वाले आइडीए कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया रोधी दवाओं की खुराक अवश्य लें। ये बातें सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च और जिला स्वास्थ्य समिति की तरफ से आयोजित मीडिया कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ श्यामनंदन प्रसाद ने बुधवार को कही। उन्होंने कहा कि जिले में लगातार दूसरी बार ट्रिपल ड्रग थेरेपी की खुराक लोगों को दी जाएगी। पिछली बार भी जिले ने लगभग 78 प्रतिशत लोगों को आइवरमेक्टिन, डीईसी और एल्बेंडाजोल की खुराक खिलाई थी।  इसे डोज पोल के आधार पर खिलाया जाएगा। 

फाइलेरिया को उपेक्षित रोगों की श्रेणी से किया गया बाहर:
 
कार्यशाला के दौरान डॉ एसपी सिंह ने कहा कि फाइलेरिया को अब उपेक्षित श्रेणी के रोग से बाहर किया जा चुका है। वहीं इसके उन्मूलन के वर्ष को भी 2030 से घटाकर 2027 कर दिया गया है। अब वर्ष में एक बार यह कार्यक्रम 10 फरवरी या 10 अगस्त को चलेगी।
 
10 फरवरी के लिए विभाग तैयार:
 
शुक्रवार से 14 दिन चलने वाले सर्वजन दवा सेवन के तहत आइडीए कार्यक्रम के लिए विभाग पूरी तरह तैयार है। डॉ एसपी सिंह ने कहा कि वैशाली जिले को अंत में जोड़ा गया था फिर भी नाईट ब्लड सर्वे का भी तत्परता से पूरा कर लिया गया है। यहां जिस लक्षित आबादी को  ट्रिपल ड्रग थेरेपी की जो खुराक खिलाई जाएगी उसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 40 लाख 70 हजार छह सौ 68 तथा शहरी क्षेत्रों में तीन लाख दो हजार एक सौ एक है। दवा खिलाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 1729 टीम तथा शहरी क्षेत्रों में 121 टीम मूव करेगी। वहीं इनकी मॉनिटरिंग के लिए 185 सुपरवाइजर लगाए गए हैं। वहीं किसी भी एडवर्स रिएक्शन से निपटने के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का भी गठन किया गया है। इसके अलावा जिला स्तर पर कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गयी है जिसका नंबर 8779228107 तथा 7004883009 है। इसके अलावा भी प्रत्येक टीम के पास रैपिड रिस्पांस टीम का नंबर दिया गया है।
 
13 जागरूकता रथ को सीएस ने किया रवाना:

कार्यशाला के बाद आइडीए कार्यक्रम के जागरूकता के लिए कुल 13 जागरूकता रथ को रवाना किया गया है। यह रथ पीसीआई संस्था के तरफ से लगाया गया है जो नगरीय क्षेत्र के 45 वार्डों में घूम घूम कर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने के लिए प्रेरित तथा जागरूक करेंगे। इसके अलावे शहरी क्षेत्र में कचरा गाड़ी द्वारा भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। 

दवा खाने पर चक्कर या उल्टी मतलब माइक्रो फाइलेरिया की शरीर में उपस्थिति:

कार्यशाला के दौरान डब्ल्यूएचओ के एनटीडी राज्य सलाहकार डॉ राजेश पांडेय ने कहा कि फाइलेरिया रोधी खुराक के शरीर मे जाने पर माइक्रोफाइलेरिया नष्ट होने लगते हैं। जिससे शरीर में कुछ अवांछनीय बर्ताव होता है जो उल्टी, चक्कर, सिर दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं, पर इससे घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है यह स्वयं एक दो घंटे में खत्म हो जाते हैं। कार्यशाला के दौरान सिविल सर्जन डॉ श्यामनंदन प्रसाद, एसीएमओ डॉ अमिताभ, डीएमओ डॉ सत्येन्द्र प्रसाद सिंह , डीआइओ डॉ उदय नारायण सिन्हा, एससीडीओ, डीसीएम निभा रानी सिन्हा, पीसीआई से चंद्रमणि सिंह, प्रभाकर सिंह, भीडीसीओ राजीव कुमार, विजय कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

– बिहार से नसीम रब्बानी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *