10 फरवरी से शुरू होगा एमडीए-फाइलेरिया, पहले कराया जाएगा नाइट ब्लड सर्वे

  • नाइट ब्लड सर्वे को उत्सव की तरह मनाएगा विभाग
  • नाईट ब्लड सर्वे को लेकर प्रत्येक ब्लॉक में बनेंगे दो साईट, प्रत्येक साईट से 300 सैंपल लिए जाएंगे
  • जिले में कुल 18 इम्प्लीमेंटिंग यूनिट होंगे निर्मित

बिहार/वैशाली। 28 दिसंबर जिला भीबीडीसी कार्यालय में आगामी 10 फ़रवरी से एमडीए यानी सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम-फाइलेरिया एवं नाईट ब्लड सर्वे की रणनीति को लेकर बुधवार को जिला भीबीडीसी स्वास्थ्य कर्मियों एवं डेवलपमेंट पार्टनर के साथ एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान नाइट ब्लड सर्वे को उत्सव की तरह मनाने का संकल्प लिया गया.

डब्ल्यूएचओ के एनटीडी राज्य प्रबंधक डॉ राजेश पांडेय द्वारा प्रशिक्षण दिया गया. डॉ. राजेश पांडेय ने कहा कि विश्व का हर पांचवा व्यक्ति नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल रोग(एनटीडी) के ख़तरे में है. विश्व की कुल आबादी में करीब 1.7 बिलियन आबादी एनटीडी प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे है. उन्होंने बताया कि पूरे देश में अब दो बार एक साथ एमडीए-फाइलेरिया कार्यक्रम को मनाया जाएगा. जिसमें 10 फ़रवरी एवं 10 अगस्त को इस कार्यक्रम का शुरुआत होगा. आगामी 10 फरवरी से राज्य के 24 जिलों में एमडीए-फाइलेरिया का शुरुआत होगा जिसमें वैशाली जिला भी शामिल है.

जिले में होंगे कुल 18 इम्प्लेमेंटिंग यूनिट:

प्रशिक्षण के दौरान जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ एसपी सिंह ने कहा कि पहले जिला स्तरीय इम्प्लेमेंटिंग यूनिट के जरिए ही नाईट ब्लड सर्वे में सैंपल कलेक्शन किया जाता था. अब पहली बार प्रखंड स्तरीय रणनीति जिले में अपनाई जा रही है. जिले में अब कुल 16 प्रखंड स्तरीय इम्प्लेमेंटिंग एवं 2 शहरी इम्प्लेमेंटिंग यूनिट बनाए गए हैं. इस तरह जिले में कुल 18 इम्प्लेमेंटिंग यूनिट बनाये गए हैं. प्रत्येक इम्प्लेमेंटिंग यूनिट में सैंपल कलेक्शन के लिए दो साइट बनाए जाएगें . इस तरह जिले में एनबीएस के लिए कुल 36 सैंपल कलेक्शन साईट बनेगी. जिसमें रात के आठ बजे से 12 बजे तक रक्त के नमूने लिए जाएगें. एक साइट स्थायी होगा वहीं एक रैंडम साइट का भी चयन किया जाएगा. प्रत्येक साइट पर तीन सौ सैंपल कलेक्शन का लक्ष्य होगा. सभी सैंपल 20 वर्ष आयु के ऊपर के लोगों के लिए जाएगें.

लगातार दूसरे साल होगा ट्रिपल ड्रग थेरेपी:

डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि जिले में लगातार दूसरी बार जिले में सर्वजन दवा सेवन के तहत ट्रिपल ड्रग थेरेपी का आयोजन किया जाएगा. यानी 10 फ़रवरी से शुरू होने वाली एमडीए-फाइलेरिया के दौरान तीन तरह की दवाएं लोगों को घर’-घर जाकर खिलाई जाएगी. इसके लिए मानव बल की मैपिंग और माइक्रो प्लान तैयार की जा रही है. एनबीएस के दौरान जनप्रतिनिधियों तथा जीविका का भी सहयोग लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में जिले ने एमडीए( तीन दवाओं के साथ) के दौरान कवरेज में बेहतरीन प्रदर्शन किया था.

डेवलेपमेंट पार्टनर्स करेंगे सहयोग
प्रशिक्षण के दौरान डेवलेपमेंट पार्टनर्स ने सर्वजन दवा सेवन के तहत होने वाले ट्रिपल ड्रग थेरेपी के दौरान सहयोग करने की बात कही. डब्ल्यूएचओ और केयर इंडिया तकनीकी सहयोग, पीसीआई ने ग्रास रूट पर प्रचार -प्रसार और जागरुकता,लेप्रा तथा सीफार ने संचार मजबूती में सहयोग करने की बात कही. प्रशिक्षण के दौरान डब्ल्यूएचओ के एनटीडी राज्य सलाहकार डॉ राजेश पांडेय, फाइलेरिया के राज्य सलाहकार डॉ अनुज रावत, जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ एसपी सिंह, प्रीति, राजीव, ऋषि, सीफार के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक रणविजय कुमार, केयर इंडिया डीटीएल सुमित कुमार, डीपीओ सोमनाथ ओझा, , पीसीआइ प्रतिनिधि अनिमेश, लेप्रा से दिलीप कुमार सहित अन्य लोग मौजूद थे.

रिपोर्ट नसीम रब्बानी

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