बरेली। होली के पर्व से ठीक एक दिन पहले रविवार दोपहर उस समय पूरा शहर रंगों से सरोबार हो गया जब झूम कर राम बारात निकली। जगह जगह पर लगे रंगों के मोर्चों ने जहां होरियारों पर जम कर रंगों की बारिश की। वहीं उड़ते गुलाल और अबीर के बीच हुरियारे भी पूरी मस्ती के साथ थिरकते नजर आए। रामबरात में शामिल होरियारों ने जयकारों के साथ अलग समां बांधा। शहर मे ऐतिहासिक रामबरात 161 वर्षो से लगातार निकाली जा रही है। इस बारात में शामिल होने बरेली मंडल के दूरदराज से आये लोग शामिल होते है। रामबरात के बारे मे कहा जाता है कि रामबरात गंगा जमुना तहजीब की मिसाल पेश करती है। रामबरात शहर के मलूकपुर चौराहे से शुरू होकर और शहर के मुख्य चौराहों से गुजकर बमनपुरी स्थित नरसिंह मंदिर पर समाप्त हुई। जिसका शुभारंभ पूर्व सांसद प्रवीन सिंह ऐरन और पूर्व उपसभापति अतुल कपूर ने पूजा-अर्चना के बाद हरी झंडी देकर किया। रामबरात का जगह जगह स्वागत हुआ। बरेली मे एक रामबरात निकालने की परंपरा वर्षो पुरानी है।इस रामबरात में हजारों हुरियारे एक दूसरे के ऊपर रंगों की बौछार करते हैं। शहर के कई मोहल्लों से गुजरने वाली राम बरात में हुरियारों की तमाम टोलियां शामिल रहती हैं। बरेली ही एक ऐसा शहर है, जहां पर होली के अवसर पर रामलीला का आयोजन किया जाता है। रामबरात के बारे में यह भी एक कहावत है मथुरा की टक्कर की होली केवल बरेली में ही खेली जाती है। रामबरात के लिए प्रशासन विशेष इंतजाम करता है। इस बार भी रामबारात के लिए विशेष सुरक्षा के इंतजाम किये गए है। रामबरात की सुरक्षा में कई एजेंसियों को भी लगाया गया है। रामबारात के दौरान मुस्लिम लोग फूल वर्षा करते है। बरेली में एक विशाल रामबरात निकालने की परंपरा है। जिसमे हजारों हुरियारे एक दूसरे के ऊपर रंगों की बौछार करते है। साथ ही जमकर एक दूसरे से मोर्चा लेते है। बमनपुरी से शुरु हुई रामबरात शहर के कई मुहल्लों से गुजरी। यहांं कालीबाड़ी में राम बरात का लोगों ने स्वागत किया। इसके साथ ही लगे रंगों के मोर्चों ने रंगों की जोरदार बारिश की। इसके साथ साथ बीच-बीच में उड़ते गुलाल और अबीर ने वातावरण को उत्साह से भर दिया। होरियारों के साथ उपस्थित लोग भी उत्साहित दिखे। शहर के विभिन्न मोहल्लों से गुजरने वाली इस रामबरात में हुरियारों की तमाम टोलियां शामिल रहती हैं, जो लोगों पर रंग और गुलाल की बारिश करते हुए आगे बढ़ते है।।
बरेली से कपिल यादव