होटल में क्वारंटीन डाक्टर-स्टाफ का फूटा गुस्सा, लौटाया खाना

बरेली। कोविड-19 महामारी से मरीजों की जान बचा रहे डाक्टर और स्टाफ ने सरकारी खाने से इंकार कर दिया है। सिविल लाइंस स्थित होटल में क्वारंटीन डाक्टरों और स्टाफ को वही लोग खाना पहुंचा रहे थे जो बिथरी कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कोरोना पाजीटिव मरीजों को भोजन दे रहे हैं। जबकि क्वारंटीन डाक्टर-स्टाफ को कोरोना पाजीटिव मरीजों से दूरी बनाकर रहना है। इसका पता चलते ही रविवार को डाक्टर, स्टाफ का गुस्सा फूट पड़ा और सभी ने सरकारी खाने की थाली वापस भेज दी। बिना खाना खाए ही सभी लोग सो गए। कोरोना पाजीटिव मरीजों का इलाज करने वाले डाक्टर और स्टाफ को सिविल लाइंस स्थित एक होटल में क्वारंटीन करने की व्यवस्था की गई है। क्वारंटीन डाक्टर और स्टाफ के लिए नाश्ता और भोजन विभाग की तरफ से भेजा जा रहा है। रविवार को पता चला कि जो लोग क्वारंटीन डाक्टरों और स्टाफ को खाना दे रहे हैं, वहीं लोग बिथरी कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कोरोना के मरीजों को भी खाना पहुंचा रहे हैं। रविवार को जब ये लोग खाना लेकर आए तो एक डाक्टर ने पहचान लिया। पता चलने पर सभी डाक्टर, स्टाफ भड़क गए। उन्होंने खाना खाने से ही इंकार कर दिया। शिकायत किया कि अगर कोरोना पाजीटिव मरीजों को खाना देने वाला स्टाफ ही उनको भोजन दे रहा है तो फिर क्वारंटीन होने का फायदा क्या हुआ। क्वारंटीन में साफ निर्देश है कि किसी भी पाजीटिव मरीज या उसके संपर्क में आए लोगों से दूरी बनाकर रहना है। करीब एक घंटे विवाद चला और डाक्टरों ने खाने की सरकारी थाली वापस कर दी। साथ ही यह भी कहा कि इसी तरह उनको खाना दिया गया तो वो सरकारी भोजन नहीं लेंगे।

पूरा मामला मेरी जानकारी में नहीं है। डाक्टर और स्टाफ को होटल में क्वारंटीन करने की व्यवस्था हुई है। अगर मरीज और क्वारंटीन स्टाफ को खाना देने वाले एक ही लोग हैं तो यह बेहद गंभीर मामला है। इसे तत्काल सही किया जाएगा और जो भी इसके लिए दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डा. रंजन गौतम, एसीएमओ

– बरेली से कपिल यादव

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