बरेली। जनपद मे मुहर्रम का त्योहार अकीदत के साथ मनाया जा रहा है। जिले मे कई स्थानों पर शांतिपूर्ण ढंग से मातमी धुन के साथ मुहर्रम का जुलूस निकाला गया। इस दौरान जुलूस मे शामिल जंगी हसन-हुसैन के नारे लगा रहे थे तथा उनकी याद मे खुद पर कोड़े बरसा रहे थे। सुबह से ही ताजिया-निशान करबला मे पहुंचकर दफन किए। मोहर्रम का त्योहार इस्लाम, इंसानियत और सच्चाई की खातिर पैगम्बर मोहम्मद के नवासे हसन-हुसैन की कुर्बानी की याद मे मनाया जाता है। बादशाह से हुई जंग में हसन-हुसैन ने अपनी कुर्बानी दी थी। हसन-हुसैन को काफी तड़पाया गया। यहां तक कि उन्हें पीने तक के लिए पानी तक नहीं दिया गया। बावजूद दोनों सच्चाई के रास्ते से नही डिगे और आखिर मे शहीद हो गए। तभी से उनके अनुयायी मातम के रूप मे मुहर्रम का त्योहार मनाते है। जिस तरह हसन-हुसैन को तड़पा-तड़पाकर मारा गया था उसी तरह इस अवसर पर उनके अनुयायी छाती पीट कर व अपने पर कोड़े बरसाकर खुद को कष्ट पहुंचाते है। जोगी नवादा से भी बहुत बड़ा मुहर्रम का जुलूस निकाला जाता है वही बीते रविवार को कांवड़ियों पर हुए पथराव को लेकर जोगी नवादा क्षेत्र में तनाव का माहौल है। इसको देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल लगाया गया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया आदि पर भी पुलिस की पैनी नजर है। जोगी नवादा मे पुलिस के लिए अग्निपरीक्षा से कम नही था।।
बरेली से कपिल यादव