उत्तराखंड/देहरादून-प्रखण्ड रिखणीखाल के अन्तर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व लैंसडौन मैदावन रेंज में विगत तीन दिन पूर्व रात को हाथी ढकरबट्टा से गजरोड़ा ग्रीन वैली के गजरी पेयजल स्रोत के रास्ते गजरोड़ा पहुंच गया।पानी स्रोत में खूब मिट्टी का पलीता लगाने व खाल बनाकर उसने घुगसा,छछरी,केला तिमला बांस का बागवान तहस नहस कर दिया।रातभर उसके चिंघाड़ व फुफकार से बुजुर्ग दंपति विश्वंभर दत्त ध्यानी तथा विमला देवी चुपचाप घर में दुबके रहे।सारी बल्ब जलाकर घर के अंदर से ही हल्ला करते रहे। सुबह उजाला होने पर देखा तो हाथी नदी पार कर रहा था तब वह कौंऴासैंण की झाड़ियों में चला गया। दोपहर मन्दाल नदी में दो पानी पीकर रौंदेड़ी के रास्ते पर लेट गया।अब दिनभर इंतजार कर सायं को ख्याड़ा, बैड़वाड़ी ,कूंचपाणी इस पास के केले के पेड़ व बांस खाने निकला।
फिर गांव में अफरा तफरी मच गई। ग्रामवासियों ने क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया बिनीता ध्यानी को समस्या निराकरण हेतु सूचना दी जिसके बावजूद उन्होंने डीएफओ कालागढ़ टाइगर रिजर्व पीसी आर्य से दूरभाष पर निराकरण की बात कही,इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए गश्त बढ़ा दी गई है और दल में वाचर ,गनर,वनदारोगा ,वनरक्षक मौके पर पहुंचे .. प्रयास जारी है ,वह टस्कर हाथी है और हर मौसम में यहां आवागमन करता है जिससे लोगों को खेती,घास के पेड़ व जान-माल का भय रहता है। वन्य जीवों द्वारा खेती नुकसान व जान-माल के खतरे के मध्येनजर इसके स्थायी समाधान हेतु गजरोड़ा ग्रीन वैली,खेड़ा,बैडवाड़ी,काण्डा दियोड़ भैंस्यारौ, जवाड़ियूंरौल, तूणीचौड़ ,कर्तिया,नौदानू, रथुवाढाब ,कुमाल्डी,कालिंको,तैड़िया ,बसुसेरा में खेती सुरक्षा दीवार के प्रस्ताव वन विभाग को सौंपा गया लेकिन कार्रवाई न होने पर रोष जताया है और कहा कि यदि विभाग संज्ञान नहीं लेता है तो आन्दोलन को बाध्य होना पड़ेगा जिसकी मौखिक सूचना दूरभाष पर विभाग व क्षेत्रीय विधायक महन्त दिलीप रावत को भी व्यक्तिगत तौर पर क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया बिनीता ध्यानी द्वारा दे दी गई है।
हाथी की धमक से ग्रामीण परेशान…
