बरेली। एक बार फिर से थाना स्तर पर किरायेदारों को भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। थाने के वीट सिपाहियों को सत्यापन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। किरायेदारों को पूरा डाटा तैयार कर अफसरों के सामने पेश किया जाएगा। इस उद्देश्य से कौन किराएदार कितने वर्षों से किस इलाके और कहां से आया है। इसकी समस्त जानकारी थाना पुलिस के पास होगी। थाना स्तर पर किरायेदारों की कुंडली तैयार कर फाइल में डिस्पैच की जा सकेगी। वहीं नए किरायेदारों की भवन या दुकान स्वामी खुद ही सारा डाटा तैयार कर थाने में उपलब्ध करवाएंगे। यदि ऐसा नहीं होता है और यदि कोई वारदात होती है तो भवन स्वामी भी पूछताछ के दायरे में आ सकते हैं। एडीजी ने कानून व्यवस्था मजबूत करने के उद्देश्य किरायेदारों का सत्यापन पर जोर दिया है। जिसके चलते कौन किराएदार कितने वर्षों से किस इलाके में रह रहा है। पारिवारिक है या अकेले जीवन व्यतीत कर रहा है। बाहरी है या गैर राज्यों से आकर रह रहा है। इसका सारा डाटा बीट के सिपाही एकत्रित कर थाने व अफसरों को अवगत कराएंगे। मकान मालिकों को वीट के सिपाही घर घर जाकर अवगत कराएंगे। किराएदार के रूप में रखने पर उनका सारा डाटा एकत्रित कर थाने में उपलब्ध कराएंगे। ऐसा न करने पर यदि किरायेदारों के माध्यम से किसी घटना को अंजाम दिया जाता है तो मकान स्वामी पर कार्रवाही की जा सकती है। थाना किला, सीबीगंज और प्रेमनगर क्षेत्र के 12 से ज्यादा आपराधिक प्रवृत्तियों के लोगों पर कई कई मुकदमे चल रहे हैं। उनको जिला बदर किया जा चुका है। इसके बाद भी चौकी इंचार्ज व थाने से सैटिंग के चलते अपने घर पर ही रह रहे हैं। ऐसे शिकायत भी अफसरों के पास पहुंच रही है। जिसको देखकर आप अधिकारीयो ने सख्ती दिखाते हुए फिर से किरायेदारों का सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं। जिला बदर होने वाले यदि अपने घर पर पनाह लिए हुए है। उन पर कार्यवाही की जा सकती है।।
बरेली से कपिल यादव