बरेली- कदीमी इमामबाड़ा बाकर गंज बरेली में हज़रत अली इब्ने अबी तालिब कर्रलमाल्लाह वजहाहू जशने इर्दमिलादुन अली बड़ी शानो शौकत से मनाया गया। इस मौके पर ईदगाह करबला कमेटी के महासचिव डॉक्टर सैयद सरताज हुसैन अब्बासी साहब ने बताया इमामबाड़े में बाद नमाज़ फजर क़ुरान खानी नाते मनकबत पेश की गई ।
नियाज़ और लंगर का एहतमाम किया गया डॉक्टर सरताज ने कहा मौला ए कायनात शेर ए खुदा मुुश्किल कुशा हज़रत अली राजियाल्लाहू ताला अन्हु की पैदाइश 13 रजब 24 हिजरी यानी 17 मार्च 600 को खाना ए काबा के अंदर हुई हज़रत अली शेर ए खुदा राजियाल्लाहु ताला अनहो हुज़ूर ए अकरम सल्लल्लाहो। ताला अलेही वसल्लम के चचा .जाद भाई और दामाद थे।
हज़रत अली के वालिद अबी तालिब और वाल्दा फातिमा बिनते असद है हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने हमेशा लोगों को शांति अमन का पैगाम दिया।
हज़रत अली के बेटे हज़रत इमाम हुसैन राजियाल्लाहो अनहों ने करबला की जंग में भूखे प्यासे रहकर अपने नाना जान के इस्लाम को जिंदा रखते हुए अपनी जान कुर्बान करदी हज़रत अली ने फरमाया अपने शत्रु से भी मोहब्बत किया करो वो एक दिन तुम्हारा दोस्त बन जायेगा।भीख मांगने से बत्तर कोई और चीज़ नही होती।
ईदगाह करबला कमेटी की तरफ से लंगर का एहतमाम किया गया कमेटी के सचिव सैयाद हबीब हुसैन,उपाध्यक्ष मेहताब अली, कोषाध्यक्ष राशिद कुरेशी,चंदा मियां, निज़ाम,मुश्ताक भाई,आदि मौजूद रहे।
– बरेली से तकी रज़ा