बरेली। शहर के हजरत कोहाड़ापीर शाह रहमतुल्लाह अलैह का चार रोजा उर्स बड़े ही अदबो-एहतराम और शानो शौकत के साथ मनाया गया। अकीदतमंदों ने शहर स्थित दरगाह पर हाजिरी देकर मुहब्बत का नजराना पेश किया। रात को रूहानी महफिल सजी। मशहूर शायर निजाम साबरी कलियरी और शमीम कुंदरकी ने पीर की शान मे शानदार कलाम पेश किए। देर रात तक दरगाह पर रूहानियत का नजारा बना रहा। शनिवार को बाद नमाज-ए-फज्र दरगाह पर संदल और चादरपोशी हुई। इस दौरान दरगाह शाहदाना वली के सज्जादानशीन अब्दुल वाजिद, सलीम रजा नूरी, वसी अहमद वारसी, चौधरी अहमद मियां आदि मौजूद रहे। तहसीन-ए-मिल्लत मौलाना तहसीन रज़ा खान के बेटे मौलाना रिजवान रजा खान, मुफ्ती सगीर अहमद, मौलाना ओवैस रजा, हाजी निराले मियां, अब्दुल वाजिद, सलीम रजा, मौलाना कैफ रजा ने फातेहा पढ़ी। उलमा-ए-कराम ने मुल्क की तरक्की, खुशहाली और एक-दूसरे से मुहब्बत के हक मे दुआ की। दुआओं की इल्तिजा और मुहब्बत का नजराना लेकर बड़ी संख्या में जायरीन कुल में शरीक हुए। इससे पहले रात मे कव्वली की महफिल मे भी बड़ी संख्या मे अकीदतमंद मौजूद रहे थे। देर रात तक पीरे की शान मे पढ़े गए कलामों से माहौल रूहानी रहा। उर्स की व्यवस्था और आयोजन में मुख्य रूप से दरगाह प्रबंधक चौधरी अहमद मियां, हकीम हाजी निराले मियां, अरमान चौधरी, डॉक्टर मोहम्मद शोएब, डॉक्टर शाहनवाज, अर्पित अग्रवाल, मोहम्मद फिजरान, महेन्द्र गुप्ता, फैसल वारसी, हाजी नजमुल इस्लाम, चौधरी असलम मियां, अदीब वारसी आदि लोगों विशेष सहयोग रहा।।
बरेली से कपिल यादव