स्वास्थ्य के सभी पोर्टल को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने वाला बिहार देश का पहला राज्य- संजय कुमार सिंह 

  • रजिस्ट्रेशन से लेकर लैब रिपोर्ट अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रहेगी सुरक्षित 
  • डिजिटलाइजेशन के पहले चरण में चार जिले, मुजफ्फरपुर में सबसे पहले लागू

मुजफ्फरपुर/बिहार- राज्य में मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना लागू किया गया है। जिसमें हेल्थ के डिजिटल पोर्टल अब एक जगह एकीकृत रहेंगे। यह देश का पहला पोर्टल है जिसमें पहले से स्वास्थ्य के अलग अलग चल रहे 40 पोर्टल एक जगह पर मौजूद होगें। इसके साथ ही मुजफ्फरपुर भी देश का पहला जिला बन गया है, जहां इस तरह के पोर्टल पर कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस पोर्टल को रोडिक कंसल्टेंट की सहायता से रन किया जाएगा। यह पूरी तरह बिहार सरकार के अपने फंड से संचालित पोर्टल होगी जिस पर तीन सौ करोड़ का खर्च आया है। ये बातें मुख्यमंत्री डिजीटल योजना अंर्तगत सोमवार को भव्य के प्रशिक्षण कार्यशाला में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह कह रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य के चार जिलों नालंदा, गोपालगंज, सीवान एवं मुजफ्फरपुर जिले में इसे पहले फेज में लागू किय जाना था, जिसमें मुजफ्फरपुर जिले में सबसे पहले प्रयोग में लाया गया। वहीं जूम के माध्यम से जुड़े स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव  प्रत्यय अमृत ने कहा कि अगर हमें बिहार को स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में आगे देखना है तो ऐसी योजना पर काम करना होगा जो दिखे। उस कड़ी में एचआइएमएस पोर्टल का महत्व दिखेगा। इस पोर्टल के आने से सूचना का आदान प्रदान, पेपरलेस, पारदर्शिता, मॉनिटरिंग आसान हो जाएगी। वहीं यह आम जन के लिए भी काफी असरदार सिद्ध होगी। इसे मार्च तक जिले में लागू करने की योजना है। 

हरेक मरीज का होगा भव्य आईडी:

रोडिक के निदेशक प्रकाश कुमार ने कहा कि इस पोर्टल में हर पेशेंट की भव्य आइडी होगी। जिसके तहत वह अपना ईलाज पेपरलेस तरीके से स्वास्थ्य केंद्रों में करा सकेगा। इसके अलावा डॉक्टर की पुर्जी, लैब रिपोर्ट सहित अन्य जरूरी कागजात  भी उसमें सुरक्षित होगी। इसके अलावा महामारी फैलने वाली स्थिति में महामारी प्रबंधन में आसानी होगी।
 
अगले साल से जिला अस्पतालों को मिलेगा पुरस्कार:

ईडी संजय कुमार सिंह ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों को पुरस्कार देने के अलावा अब विभाग सात -आठ सुविधाओं में बेहतर करने वाली जिला अस्पताल को भी पुरस्कृत करेगी। यह पुरस्कार बेस्ट इन पीडियाट्रिक, बेस्ट इन ऑर्थाे, बेस्ट इन मेडिसिन आदि क्षेत्रों में होगी।
 
18 मॉड्यूल में मिलेगा प्रशिक्षण:

राज्य स्वास्थ्य समिति में उपसचिव संजीव शेखर प्रियदर्शी ने कहा कि कुल 18 तरह के मॉड्यूल पर चिकित्सक तथा नर्सों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने के बाद वह मेंटर के तौर पर अन्य जिलों में भी प्रशिक्षण दे सकते हैं। प्रशिक्षण के लिए कुल 264 सेशन प्लान है। कुल 1500 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। मौके पर डीडीसी आशुतोष द्विवेदी, सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा, एसीएमओ डॉ सुभाष प्रसाद सिंह, डीपीएम रेहान अशरफ, राज्य स्वास्थ्य समिति के उप सचिव संदीप शेखर प्रियदर्शी, राज्य स्वास्थ्य समिति आईटी सेल से अरविंद कुमार सहित सभी एमओआईसी और स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।

– बिहार से नसीम रब्बानी

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