स्वनिधि योजना के तहत 45 हजार में से सिर्फ छह हजार को मिला लाभ, बैंकों में दबी लोन की फाइले

बरेली। मोदी सरकार ने फड़, ठेले, रेवड़ी वालों को कारोबार बढ़ाने के लए स्वनिधि योजना शुरू की है। योजना के तहत नगर निगम के अन्तर्गत 45 हजार से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया था। नगर निगम के सर्वे के बाद लाभार्थियों के जिस बैंक में खाते हैं, उन बैंकों को सूची भेजी गई है। बैंकों की उदासीनता के चलते अभी तक दस हजार का लोन स्वीकृत नहीं किया जा सका है। लाभार्थी कभी बैंक तो कभी डूडा व नगर निगम केचक्कर लगाने का विवश हो रहे है। केन्द्र व प्रदेश सरकार की फेरी नीति के तहत फड़-ठेला वालों का कारोबार बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। स्वनिधि योजना के तहत नगर निगम क्षेत्र में फड़ पर कारोबार करने वाले कारोबारियों को कारोबार बढ़ाने के लिए दस हजार रूपए तक का लोन देने की योजना है। जिसमे 12 किस्तों में लाभार्थियों को दस हजार रूपए जमा करना होता है। बता दें कि सरकार ने इसके लिए शहर भर में एक लाख से ज्यादा लोगों को लाभांवित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। निगम अफसरों की लेटलतीफी के चलते अभी तक 45 हजार लोगो के ही आवेदन लिए गए है। उनमें से छह हजार लोगों को ही दस हजार का लोन उपलब्ध कराया गया है। बिहारीपुर में रहने वाले मनोज कश्यप ने बताया कि वह लम्बे समय से ठेले पर चाय बेचने का काम करते है। पीएम स्वनिधि योजना के तहत आवेदन किया था। डूडा के माध्यम से सर्वे कराने के बाद बीओबी में फाइल भेजी गई है। सर्वे करने के लिए बैंक से दो बार फोन तो आ गया। मगर कोई भी अभी तक नहीं आया है। जिस कारण लोन भी फाइनल नहीं हो सका है।।

बरेली से कपिल यादव

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