स्थानान्तरण नीति के तहत हो अधिकारियों व कर्मचारियों का स्थानान्तरण

भदोही- शासन द्वारा स्थानान्तरण नीति बनाई है। जिसके तहत अधिकारी व कर्मचारी एक स्थान पर सिर्फ 3 वर्ष तक बने रह सकते है। उसके बाद ऐसे तीन साल की समायावधि पूरी कर लेने वाले अधिकारी व कर्मचारी का स्थानान्तरण होना अनिवार्य है। लेकिन जनपद में स्थानान्तरण नीति लागू होता नही दिखाई दे रहा। यहां पर कई-कई वर्षों से अधिकारी व कर्मचारी अपनी कुर्सी से चिपके हुए है।
बात करे बिजली विभाग की तो विद्युत वितरण खंड प्रथम कार्यालय में अधिशासी अभियंता के सहायक के पद पर तैनात कर्मचारी वर्षों से एक ही स्थान पर जमा है।
सूत्रों की माने तो यह विभागीय अधिकारियों को अपनी नोंक पर रखता है। कुछ माह पहले इस कर्मचारी का अपने ही एक्सईएन से तगड़ी नोकझोक हो गई थी। सूत्रों बताते है कि हालत बिगड़ती देख कुछ लोग बीच बचाव में आ गए। जिससे मामला शांत हो गया था। मामले के मूल में जाए तो पता चलता है कि कर्मचारी एक ही स्थान पर कई वर्षों से तैनाती के बाद तो बेलगाम हो जाते है। वही भ्रष्टाचार भी खूब करते है। इसी लिए शासन ने स्थानान्तरण नीति को लागू कर रखा है। इसके तहत कर्मचारी को अपना तीन वर्ष पूरा कर लेने के बाद स्थानान्तरण का प्रावधान है। लेकिन जनपद में शासन के स्थानान्तरण नीति का खुलेआम माखौल उठाया जा रहा है। अगर स्थानान्तरण कर भी देते है तो एक टेबल से दूसरे टेबल पर तैनात कर दिया जाता है। उसके बाद मस्ती से नौकरी करते है। सूत्रों की माने तो एक ही स्थान पर अधिक समय से तैनाती के कारण कर्मचारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते है। यह किसी एक विभाग का मामला नही। बल्कि जनपद के तमाम विभागों की यही स्थिति है। विद्युत वितरण खंड प्रथम कार्यालय में एक्सीएन के सहायक के पद पर तैनात कर्मचारी को सिर्फ एक बानगी के रुप में देखा जा सकता है।
पत्रकार आफ़ताब अंसारी

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