पूर्णिया/ बिहार – अच्छे दिन आएंगे , महगांई जाएगी , खुशियाली आएगी, लोगो को रोजगार मिलेंगे, चारो तरफ विकास ही विकास दिखेगा , बहुत सी बातें जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से किये थे और कर भी रहे है । क्या लगता है आपको सारे वादे पुरे हुए । ये जनता खुद समझे और देखे । ये बताने की चीज नही है देखते देखते 4 साल हो गए पर विकास के नाम पर क्या हुआ , नोटबन्दी, GST, ट्रिपल तलाक, हिन्दू , मुशलिम,
गाय, गोबर, गौमूत्र, इन सबके पीछे विकास की बाते सब जुमले बनकर रह गए। ना तो विकास की कोई खबर है और ना ही खुशियाली की । आज भी देश की हालत उसी प्रकार से जैसे कि पहले सरकार में थी । कुछ नया हुआ तो सिर्फ सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति( स्टेचू ऑफ यूनिटी) जरा सोचिए क्या अभी देश मे एक जुटता दिखता है , क्या इसी तरह के भारत का सपना देखा था लौह पुरुष ने, क्या समाज को धर्म ,जाती और गरीबी में बांटने का समर्थन करते थे सरदार वल्लभ भाई , जिस प्रकार से आज देश मे धर्म , जाती , और व्यक्ति बिशेष के नाम पर बंटा जा रहा है , हिन्दू मुशलिम के नाम पर राजनीति की जा रही है ।
जिस देश मे चारो तरफ गरीबी और बेरोजगारी से लोग हताश और परेशान हैं वहीँ दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति बनाकर विकास की दिशा ही बदल डाली । लगभग 3000 करोड़ की लागत से बनी ये मूर्ति का क्या मतलब निकलेंगे आप विकास की झलक या फिर मोदी जी का यादगार राजनीतिक इतिहास , इससे देश की जनता और देश को कितना बल मिलेगा उसकी उम्मीद शायद किसी को नही है । एक साल में जितने पर्यटक ताजमहल को देखने के लिए आते हैं उतनी यहाँ भी आये तो इनकी सिर्फ लागत वसूल होने में 120 साल लग जाएंगे । और यही पैसा अगर देश और जनता के किसी योजना में लगया जाता तो भारत की कुछ तस्वीर अलग बन सकती थी ।
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को बनाने मे लगभग 3000 करोड़ रुपये खर्च हुए। यहां डेक व्यू, वैली आॅफ फ्लॉवर मेमोरियल, म्यूजियम, आॅडियो, विजुअल गैलरी और सरदार सरोवर बांध जैसी आैर भी कर्इ खूबसूरत जगहे हैं। खास बात तो यह है कि इतनी ऊंचार्इ पर जाने के लिए हार्इ क्वालिटी एस्केलेटर सर्विस आैर 2 हार्इ स्पीड लिफ्ट लगी हैं। पर्यटकों को रहने के लिए यहां खूबसूरत लग्जरी टेंट सिटी बनार्इ गर्इ है। सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक यहां घूमा जा सकता है।
– शिव शंकर सिंह , पूर्णिया/ बिहार