स्कूल संचालक वसूल रहे लॉकडाउन की फीस, बच्चों का भविष्य हो रहा बर्बाद, पीएम-सीएम को भेजा पत्र

बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। यूपी बोर्ड और सीबीएसई के अधिकांश स्कूलों द्वारा कोरोना वैश्विक महामारी के चलते लगभग पूरे साल लॉकडाउन की बंदी के बाद भी अभिभावकों पर पूरे साल की फीस वसूलने का नाजायज दबाव बना रहे हैं। उप्र उद्योग व्यापार मंडल फतेहगंज पश्चिमी के नगर अध्यक्ष और तेजतर्रार भाजपा नेता आशीष अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर इस मनमानी पर तत्काल प्रभाव से अंकुश लगाने की मांग की है। पत्र में आशीष अग्रवाल ने बताया है कि कोरोना काल में लगभग पूरे साल लॉकडाउन में बंद रहे स्कूल-कॉलेजों के प्रबंधक बोर्ड परीक्षाओं के नाम पर ब्लैकमेल कर बीते पूरे साल की फीस वसूली करने को तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर बच्चो के भविष्य के साथ खिलबाड़ कर रहे हैं। सबसे ज्यादा मनमानी सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों की है। इन स्कूलों में पंजीकृत बच्चों के माता पिता घर के जेवर और अन्य चीजों को बेचकर भी पूरे वर्ष की फीस जमा नही कर पा रहे हैं। सबसे ज्यादा त्रस्त निम्न मध्यम वर्गीय परिवार हैं जो इज्जत बचाने को दूसरों से मदद भी मांगने में शर्म महसूस कर रहे हैं। मगर इन स्कूल वालों को अभिभावकों पर दया नहीं आ रही है। स्कूल संचालको ने एक अध्यापक से सभी सेक्शनों की ऑनलाइन पढ़वाकर अध्यापकों की सैलरी और दूसरे तमाम खर्चो में तो भारी कटौती कर ली लेकिन बच्चों की फीस में कोई कटौती नही की है। जो अभिभावक किसी अधिकारी से शिकायत करते है तो सभी स्कूल संचालक उन्हें निशाना बनाकर उनके बच्चों का किसी अन्य स्कूल में भी प्रवेश नही होने दे रहे। व्यापारी नेता आशीष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संसद-विधानसभा में बिल पास कराकर लॉकडाउन के समय की फीस माफी की घोषणा कराने का आग्रह किया है।।

बरेली से कपिल यादव

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