बरेली/फतेहगंज पश्चिमी- 25 जुलाई 2017 को तीन वर्षों से सहायक अध्यापक पद पर काम कर रहे शिक्षा मित्रों को उच्चतम न्यायालय के एक आदेश पर प्रदेश सरकार द्वारा सहायक अध्यापक पद से हटाते हुए पुनः शिक्षा मित्र पद पर रखते हुए वेतन 40 हजार से घटाकर 10 हजार कर दिया गया अपनी आवश्यकता बढ़ा चुके शिक्षा मित्रों के इतने अल्प आय मे परिवार चलाना दूभर हो गया। नौकरी की सुरक्षा में संसय एव आर्थिक तंगी से बेहाल विगत दो वर्षों मे 1380 से अधिक शिक्षा मित्र असामयिक मृत्यु का शिकार हुए सिर्फ इस जुलाई मे दर्जन भर से अधिक शिक्षा मित्र काल के गाल मे समा गये।इस कारण गुरुवार को शिक्षामित्र काला दिवस मना रहे हैं।यहां शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त हो जाने के बाद कई साथियों की मौत का गम और पुरानी यादें ताजा होते ही उनमें आक्रोश भी नजर आया।हाथों में काली पट्टी बांधकर प्रदेश सरकार की कारगुजारी का विरोध जताया।शिक्षामित्र संघ के आह्वान पर प्रदेश भर में शिक्षामित्र गुरुवार को काली पट्टी बांध कर पढ़ा रहे हैं।काली पट्टी बांधे शिक्षामित्र संघ के जिला महामंत्री कपिल यादव ने बताया कि मृत अपने साथियों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त एवं श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सरकार से सुरक्षित रोजगार एवं सम्मान जनक वेतन की मांग की जिससे आर्थिक तंगी एवं नौकरी की असुरक्षा के दबाव से हो रही लगातार मौतों को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा मे अपने जीवन का अमूल्य 20 वर्ष बिताने के बाद उम्र के इस पड़ाव पर नये रोजगार की तलाश करना आसान नही तथा महंगाई के इस दौर मे दस हजार मे परिवार चलाना भी सम्भव नही है इसलिए सरकार द्वारा तुरंत पहल करते सार्थक निर्णय लिया जाना चाहिए।शिक्षामित्र मोहम्मद युनुस अंसारी ने कहा कि हमारा संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है।अलग अलग स्तर पर जोरदार तरह से लड़ाई लड़ी जा रही है।आज नहीं तो कल शिक्षामित्रों को उनका हक मिलकर ही रहेगा।शिक्षामित्र शमा परवीन,प्रभा गंगवार लोकेश कुमार, मीनाक्षी शर्मा,उत्पल वरना सहित ब्लॉक के सैकड़ो शिक्षामित्रों ने अपने अपने स्कूल में काली पट्टी बांधकर बच्चों को पढ़ा कर विरोध किया।
– बरेली से सौरभ पाठक की रिपोर्ट