मध्यप्रदेश/ तेन्दूखेड़ा- शासन द्वारा स्पष्ट निर्देश जारी किया गया है कि स्कूल प्रांगण के अन्दर शिक्षक समेत छात्र व छात्राएं अपने पास मोबाइल नहीं रख सकते हैं उक्त निर्देश को जारी हुये विगत बारह वर्ष गुजर गये।लेकिन अब तक विधालयों में इस निर्देश का पालन बिल्कुल नहीं किया जाता है अगर संस्था प्रमुखों एवं शिक्षक विभाग के आला अधिकारियों द्वारा इस नियम में पालन कराने व करने में कोताही न बरती गई होती तो शायद आज इस पर अंकुश लग गया होता।इतना ही नहीं विधालयों के 200 मीटर के इर्द गिर्द शासन द्वारा 2005 में निर्देश जारी किया गया था कि विधालय के अंदर छात्र छात्राएं एवं शिक्षक नहीं रख सकते हैं अगर कतिपय कारणोंवश मोबाइल रखना पड़ रहा है तो विधालय प्रांगण के अंदर मोबाइल स्विच ऑफ रखना होगा।लेकिन जिले एवं तहसील के अंदर एक भी ऐसी स्कूल नहीं है जहां के शिक्षकों एवं छात्र छात्राओं के जेब मे खुला मोबाइल न मिल जाये।तो और शिक्षक उस समय भी बात करते देखे जाते हैं जिस समय कक्षा में छात्रों को पढ़ाने के लिये कमरे में बैठे रहते हैं कभी कभी तो ऐसा भी देखने को मिलता है कि शिक्षक पूरे 40मिनट क्लास में मोबाइल से बात करके समय व्यतीत कर देते हैं और पीरियड समाप्त होते ही घंटी बजते ही क्लास के बाहर निकल आते हैं शिक्षकों के इस नियम के उल्लंघन करने का छात्र छात्राओं पर बुरा असर पड़ रहा है जब शिक्षकों को क्लास में छात्र छात्राएं मोबाइल से बात करते देखते हैं तो शिक्षक की इस कमजोरी का फायदा उठाते हुए वह खुद फेसबुक अथवा मेसेज में व्यस्त हो जाते हैं यहां तक बताया गया है कि शिक्षक क्लास में पढ़ाते रहते हैं और क्लास में बैठे छात्र छात्राएं फेसबुक व मैसेज भेजने में जुटे रहते हैं।
– विशाल रजक, मध्यप्रदेश