बरेली/फतेहगंज पश्चिमी।18 मार्च से स्कूल बंद हैं। कुछ को उम्मीद थी कि एक जुलाई से स्कूल खुल जाएंगे लेकिन सोमवार को शासन की गाइड लाइन के अनुसार 31 जुलाई तक स्कूल बंद रखने के आदेश से प्राइवेट स्कूलों को निराशा हुई। तब से फीस कलेक्शन न के बराबर है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो फीस जमा होने का ग्राफ जीरो है। अभिभावकों से स्कूलों को कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा है। अगर ऐसी ही स्थिति रही तो स्कूल प्रबंधकों के सामने कर्मचारियों के वेतन और रोजी रोटी का गहरा संकट छाने लगा है। यह कहना है प्राइवेट स्कूल प्रबंधक एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सक्सेना का। मंगलवार को कस्बे के रेड रोजिज पब्लिक स्कूल में प्राइवेट स्कूल प्रबंधक एसोसिएशन की एक बैठक हुई। इसके तहत स्कूलों के प्रबंधकों ने अपनी समस्याओं को साझा किया। पब्लिक स्कूलों में फीस को लेकर तमाम तरह की परेशानियां सामने आनी शुरु हो गई हैं। शिक्षकों के वेतन के साथ-साथ अन्य कर्मचारियों का स्टाफ भी अब परेशान होना शुरु हो गया है। कुछ स्कूलो को छोड़कर सभी स्कूलों ने वेतन देने को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं। वहीं, कुछ स्कूल आधा वेतन ही दे पा रहे हैं। स्कूल में वेतन को लेकर यह स्थिति सामने आ रही है कि शिक्षक परिवार का खर्च चलाने के लिए संस्थाओं से मदद मांग रहे हैं।सरकार ने हर वर्ग को कुछ न कुछ योगदान दिया परंतु प्राइवेट स्कूल संचालकों को सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई आंशिक मदद प्राप्त नहीं हो सकी। सरकार से आग्रह है की सरकार कोई ऐसा हल निकाले जिससे प्राइवेट विद्यालय वालों पर जो संकट के बादल छाए हुए हैं। वह दूर हो जाएं। इस अवसर पर संगठन के दिनेश पांडे, तुष्येंद्र यदुवंशी, उपाध्यक्ष रमन जयसवाल, सचिव केसी शर्मा, उपाध्यक्ष राजेश सक्सेना, मुनीश राठौर, नरसिंह, जाकिर हुसैन, मोबीन, कुलदीप गंगवार, जितेंद्र सिंह आदि गणमान्य प्रबंधक उपस्थित रहे।।
बरेली से कपिल यादव