पौड़ी गढ़वाल- उत्तराखंड जनपद पाैडी गढ़वाल के महिपाल पटवाल ने सोशल मीडिया पर फेसबुक के माध्यम से सरकार के दामादाें यानि कि अफसरों विभागों के माध्यम से जाे भी विकास वजट जारी हाेता है उसमें कितने प्रतिशत काैन लेता है ये विवरण जारी किया है
सूत्रों के माध्यम से पता किया तो कई ग्राम सभा प्रधानाें व ठेकेदारों ने बताया कि यदि वे संबंधित विभाग या अफसर जेई आदि काे उसका प्रतिशत नही देते ताे वे कई नखरे दिखाकर नियम कानून काम पास हाेना आदि करके कमीशन का रास्ता बताते हैं जाे कि कई सुगम हाेता है ।
यहां तक कि एक ग्राम सभा प्रधान ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि जब काेई भी वजट जारी हाेता है ताे विकासखंड अधिकारी जेई अपना कमीशन पहले ही ले लेते हैं कमीशन ज्यादा हाेने की वजह से काम पर फर्क पडता है जहां साै प्रतिशत काम हाेना है वहां साठ प्रतिशत ही काम हाे पाता है
यदि सरकार विकास वजट में नीति बदले ताे कमीशन का मीट भात बंद हो सकता है। जाे भी कार्यदायी संस्था हाे उसका ही कमीशन हाे निर्धारित व जाे कार्य करता है उस कार्य की टाेटल जबाब देही कार्य दायी संस्था की तय हाे। प्रधानाें व ठेकेदारों का कहना है कि यदि कमीशन का मीट भात बंद हो ताे पहाड में विकास कार्यों में तेजी आयेगी व कार्य ठाेस एक नंबर के हाेंगें।प्रधानाें का कहना है कि उनके हाथ में केवल छिलका आता है उस छिलके में काम भी करना हाेता है आैर सरकारी सिस्टम का पेट भी भरना पडता है।
अब सवाल है कि जीराें टालरेंस सरकार से कि यदि वे सही में भ्रष्टाचार खत्म करना चाहते है तो जानें कि कितनी सच्चाई है ताे वे इसे कमीशन के मीट भात पर अंकुश लगाये।
– पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल