सोशल मीडिया पर अपने फॉलोअर्स बढ़ाने में जुटे मंत्री,विधायक और टिकटों के भावी विधायकी दावेदार

बाड़मेर/राजस्थान- मौजूदा विधानसभा और लोकसभा चुनावों की चुनावी सरगर्मियों के दौर में जिले के विधायकों, मंत्रियों और टिकट के भावी दावेदारों ने अपना चेहरा चमकानें के लिये सोशल मीडिया पर भी सक्रियता बढ़ा दी है। जो अपने फॉलोअर्स बढ़ाने पर अब ज्यादा फोकस कर रहे हैं। इसके लिये राजनीति के अलावा सामाजिक कार्यों की गतिविधियों की रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट कर रहे हैं। रील्स व सोशल मीडिया पर कंटेंट तैयार करने के लिए आजकल नेताओं ने तो सोशल मीडिया के रिपोर्टरों और एजेन्सियों से बड़ा अनुबंध किया है।

जानकारी के अनुसार जिले के मंत्री तो विकास कार्यों की रील्स बनाने के लिए मौके पर पहुंचकर वीडियो भी बनवा रहे हैं। जबकि टिकटों के भावी दावेदारों ने धूंआधार अंदाज में अपनी सियासी गतिविधियों की रील्स बनाकर वाट्सएप और फेसबुक सहित हाइटेक प्रणाली के साधनों पर अपलोड़ कर रहे है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया की ताकत को देखते हुए राजनीतिक दलों ने सोशल मीडिया की टीमों का अपने स्तर पर गठन किया है। भाजपा और कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं की टीम भावनाओं से जुड़े सदस्यों को ट्रेनिंग भी दी है। मौजूदा विधायकों, मंत्रियों और दावेदारों ने सोशल मीडिया के लिए अलग से स्पेशल सोशल मीडिया विंग बनाई है। टीम सुबह से शाम तक दावेदारों के समर्थन में सोशल मीडिया पर हजारों पोस्ट डाल रहे है। दावेदार अपनी-अपनी विधानसभा क्षेत्र के अलग-अलग वाट्सऐप ग्रुप बनाकर कंटेंट शेयर करते हैं। टीम यूजर, लाइक एवं कमेंट पर पूरी नजर रख रही है।

बाड़मेर जिला प्रशासन और पुलिस की व्यवस्तता चुनावी दौर ने प्रशासन और पुलिस की व्यवस्तता जरूर बढ़ा दी है। आगामी महिने में विधानसभा चुनावों की आचार संहिता लगने की संभावनाएं है,ऐसे में प्रशासन और पुलिस अफसरों ने अभी से ही धरातल पर जाकर चुनावी तैयारियों का फीडबेक लेना शुरू कर दिया है। इसके चलते डिविजनल कमिश्रर, आई जी पुलिस, जिला कलक्टर और एसी समेत तमाम आला अधिकारी वोटिंग बूथों पर जाकर जायजा लेने में जुटे हुए है। जानकारी में रहे कि चुनावी माहौल के दौरान सियासी नेताओं के आवागमन और जनसभाओं का सिलसिला भी शुरू हो जायेगा ऐसे में प्रशासन और पुलिस को दुगुनी भागदौड़ करनी पड़ेगी। वहीं चुनावों के दौरान भयमुक्त माहौल कायम रखने कि जिम्मेदारी भी जिला प्रशासन और पुलिस के कंधों पर रहने से आगामी तीन महिने तक जिला प्रशासन और पुलिस के अफसरों को ज्यादा मुस्तैदी दिखानी पड़ेगी।

– राजस्थान से राजूचारण

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