सोशल डिस्‍टेंसिंग के साथ निभाई गई रामनवमी शोभायात्रा की परंपरा

बरेली। चौधरी मोहल्ला में लोगों ने 453 वीं शोभायात्रा परंपरा को नहीं टूटने दिया। लॉकडाउन और सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करते हुए भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के स्वरूप से सजाकर उनका तिलक किया। आरती के बाद प्रसाद वितरण कर दिया। जिससे वर्षों पुरानी महारानी लक्ष्मीबाई की इस परंपरा को जिंदा रखा। जबकि हर बार रामनवमी पर यहां से विशाल शोभायात्रा का आयोजन होता है, जो शहर के विभिन्न इलाकों में जाती है। जिला प्रशासन की ओर से शोभायात्रा का आयोजन किया जाता था। इस बार कोरोना वायरस के कारण राम नौंवी शोभा यात्रा पर ब्रेक लगा गया। इस परंपरा को टूटता देखकर क्षेत्रीय लोगों ने परंपरा बनाए रखने के लिए भगवान के राम, सीता और लक्ष्मण के स्वरूपों की आरती करके परंपरा को बनाए रखा।
वर्षों पुरानी है यह परंपरा
चौधरी मोहल्ला के क्षेत्रीय लोगों का कहना है, आज से 453 साल पहले महारानी लक्ष्मीबाई ने शोभायात्रा का शुभारंभ किया था। चौधरी मोहल्ले में उनका एक भव्य किला था। जिसे रानी साहब फाटक के नाम से आज भी जाना जाता है। भले ही वह किला टूट चुका है। उनकी यह जो जमीन थी, वह उनके पारिवारिक सदस्यों ने बेच दी। मगर आज भी इस मोहल्ले को चौधरी मोहल्ला रानी पाठक के नाम से ही बरेली में जाना जाता है। श्री महारानी लक्ष्मीबाई रामलीला समिति की ओर से समस्त प्रकार के जितने भी आयोजन सालों से चले आ रहे हैं वह समिति ही करा आती है, लेकिन इस समिति का दायित्व बरेली जिला प्रशासन निभाता है। प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में ही रामलीला और रामनवमी पर शोभा यात्राओं का आयोजन कराया जाता है।।

– बरेली से कपिल यादव

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