बरेली। पुनरीक्षणकर्ता मो. आमिर खां एड. की ओर से सीजेएम कोर्ट मे योजित वाद संख्या 1075/2020 संजय सिंह बनाम अशोक कुमार सिंह आदि थाना कैंट मे पारित आदेश 11/12/2020 को लेकर सेशन कोर्ट में रिवीजन वाद सं.140/2020 दाखिल किया गया था। जिसे न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश ने खारिज करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश 11/12/2020 को पुष्ट किया है। पुनरीक्षणकर्ता के तर्क धारा 197 के अंतर्गत बिना उचित परमीशन के अवर न्यायालय को लोकसेवकों के विरुद्ध संज्ञान लेने की अधिकारिता नही है। इसके संबंध में न्यायालय का कहा कि इस मामले में धारा 197 के प्राविधान आकृष्ट किये जाने योग्य परिस्थितियां परिलक्षित नहीं हो रही हैं। वहीं दूसरे तर्क कि विपक्षी सं0 2 संजय सिंह के विरुद्ध पूर्व में ही थाना कैंट में अपराध संख्या 447/2020, धारा 504 व धारा 3 लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम दर्ज है। इस विषय मे न्यायालय का स्पष्ट कहना रहा कि उक्त मुकदमे में संजय सिंह को अभियुक्त बनाया गया है जबकि वर्तमान प्रकरण में संजय सिंह वादी है इसलिए अपराध संख्या 447/2020 प्रकरण वर्तमान मामले के प्रकरण को किसी प्रकार भी प्रभावित नही करता है। मालूम हो कि कैंट थाने में तैनात रहे उप निरीक्षक संजय सिंह ने युगवीणा मे पार्टी के दौरान हुई फायरिंग को लेकर हत्या का षड्यंत्र बताते हुए सीजेएम की अदालत में तत्कालीन सीओ, कैंट थाना प्रभारी समेत चार पर 156(3) सीआरपीसी के अंतर्गत वाद दायर किया था। जिसमें वाद में न्यायालय सीजेएम बरेली के समक्ष अवमानना की प्रार्थना पत्र दायर की गई थी। तब थाना कैंट पुलिस ने अपने यहां सभी पुलिस कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। एसआई संजय सिंह की ओर से मुकदमा लड़ रहे वरिष्ठ अधिवक्ता यशेंद्र सिंह का कहना है कि जिसका मुकदमे से किसी प्रकार का संबंध नहीं हो उसे रिवीजन दाखिल नहीं करना चाहिए। इससे अनावश्यक विलम्ब हुआ है। अदालत को अनावश्यक रूप से रिवीजन दायर करने वाले रिविजनकर्ता पर पेनाल्टी लगानी चाहिए ताकि इस तरह के अनावश्यक केस दाखिल न हो। इसी तथ्य पर उच्च न्यायालय में इस ऑर्डर के सम्बंध में रिट दायर की जाएगी।।
बरेली से कपिल यादव