बरेली। आईवीआरआई से सेवानिवृत्त हुए वैज्ञानिक शुकदेव नंदी के साथ सीबीआई ऑफिसर बन कर 1.29 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले चार आरोपियों को साइबर और लखनऊ की एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए सभी आरोपी ठगी के रुपयों को क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर दिया। आरोपियों की पहचान थाना कोतवाली सीतापुर निवासी श्याम कुमार, ग्राम खाजेगांव थाना छपिया गोंडा के रजनीश द्विवेदी, अयोध्यापुरी कॉलोनी लालबाग के सुधीर कुमार चौरसिया और गंगोत्री विहार फेस-दो लालकोठी खरगापुर निवासी महेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ चन्दन के रूप में हई है। पश्चिमी बंगाल के मूल निवासी भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) से सेवानिवृत्त वैज्ञानिक शुकदेव नंदी को 17 जून को व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आया। ठग ने खुद को सीबीआई अफसर बताते हुए उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल करके फर्जी सिम कार्ड लेना बताया। उस आधार कार्ड का इस्तेमाल ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जॉब फ्रॉड में भी करना बताया। इसी क्रम मे ठग ने उन्हें 16 से 20 जून तक डिजिटल अरेस्ट रखा और 1.29 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। मामले मे 26 जुलाई को साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई। एसपी क्राइम ने बताया कि ठगी करने वाले गिरोह के लोग 70 से 80 हजार रुपये मासिक वेतन पर ऐसे लोगों को नौकरी पर रखते है। जिन्हें टूरिस्ट वीजा पर भारत बुलाया जाता है। इनमें पाकिस्तान के लोग भी शामिल रहते हैं। ऐसे लोग हिंदी-अंग्रेजी दोनों जानते हैं और इनके जाल में फंसने के बाद बाहर निकलना मुश्किल होता है। साइबर ठगों को पकड़ने वाले मे प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार शर्मा, हेड कांस्टेबल धीरज कुमार, विलिश कुमार, हरेंद्र कुमार शामिल रहे।।
बरेली से कपिल यादव