सुविधाएं सरकारी चाहिए लेकिन जनता को सूचनाएं देने में लापरवाही बरतने वाले करो जुर्माना जमा सरकारी कोष में

बाड़मेर/ राजस्थान- राज्य सूचना आयोग ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के दो अधिकारियों पर अलग अलग मामलों में दस दस हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने तीन अन्य मामलों में अफसरों पर पांच पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है। आयोग ने अधिकारियों के लापरवाह रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कानून के प्रति सरकारी मशीनरी की यह बेरुखी नागरिको के हक़ और हितो पर चोट करती है।

सूचना आयोग ने हनुमानगढ़ में जिला परिषद के मुख्य कर्यकारी अधिकारी पर हजार रूपये जुर्माना लगाया है। इस मामले की सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने कहा प्रशासन ने ढाई साल तक सूचनाएं देने वाले आवेदन की अनदेखी की है। आयोग के सम्मुख भोजासर के जय सिंह ने अपील दाखिल कर शिकायत की कि उन्होंने वर्ष 2019 में अर्जी दाखिल की थी। लेकिन उनकी सुनवाई जानबूझकर नहीं की गई। वे गावो में महात्मा गांधी ग्रामोत्थान योजना और कुछ अन्य विकास कार्यो के बारे में सूचना मांग रहे थे।

आयोग ने जिला परिषद को रिकॉर्ड का अवलोकन कराने के साथ ही पचास पृष्ठ तक नि शुल्क सूचना देने का निर्देश दिया है।आयोग ने अधिकारी को अपना पक्ष रखने के कई अवसर दिए। लेकिन न तो वे जानबूझकर हाजिर हुए ,न ही अपनी और से जवाब पेश किया। सूचना आयुक्त बारेठ ने बीकानेर जिले में खाजूवाला के विकास अधिकारी पर भी दस हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। स्थानीय नागरिक मोहन लाल मोची ने सूचना आयोग में अपील पेश कर आरोप लगाया कि उन्हें विभिन्न योजनाओं में हुए विकास कार्यो की जानकारी नहीं दी जा रही है।

सूचना आयुक्त बारेठ ने सुनवाई के दौरान कहा यह बहुत गंभीर मामला है। क्योंकि दो साल से भी अधिक समय गुजर जाने के बाद भी अधिकारी ने सूचनाएं देने वाले आवेदन की सुध नहीं ली। आयोग ने चित्तौड़गढ़ के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य पर पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। आयोग में स्थानीय नागरिक आर पी चावला ने सूचना न मिलने पर चिकित्सा विभाग के खिलाफ अपील दायर की थी। आयोग ने विभाग को पंद्रह दिन में सूचना मुहैया कराने का निर्देश दिया है।

राज्य सूचना आयोग ने बांसवाड़ा के जिला परिवहन अधिकारी पर भी पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है। उदयपुर के नजमुद्दीन ने परिवहन विभाग से अस्थाई परमिट के बारे में सूचना उपलब्ध कराने की गुहार की थी। पर उनकी सुनवाई नहीं की गई। आयोग ने विभाग को एक पखवाड़े में सूचना प्रदान करने का निर्देश दिया है। सूचना आयोग ने एक अन्य मामले में श्रीगंगानगर के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पर भी पांच हजार रुपए की शास्ति आरोपित की है।

आयोग ने अपने इन आदेशों की प्रतियां संबंधित महकमों के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजने का निर्देश दिया है। जुर्माने की यह राशि अधिकारियों के वेतन से वसूली जाएगी।

– राजस्थान से राजूचारण

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