नई दिल्ली – उच्चतम न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार मामले में दोपहर 12 बजे दोबारा सुनवाई की। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ने सभी केसों को दिल्ली ट्रांसफर करने की बात कही। सीबीआई की तरफ से अदालत में संयुक्त निदेशक संपत मीणा पेश हुए। अदातल ने पीड़िता के हाल का जानकारी मांगी। जिसपर उन्हें बताया गया कि वह वेंटिलेटर पर है। सीजेआई ने पूछा है कि क्या पीड़िता को दिल्ली ट्रांसफर किया जा सकता है। सीजेआई रंजन गोगोई ने सॉलिसिटर जनरव तुषार मेहता से पूछा कि आपको उन्नाव बलात्कार पीड़िता और अन्य के सड़क हादसे मामले की जांच के लिए कितने समय की जरूरत है? इसपर सॉलिसिटर जनरल ने कहा एक महीना। इउसके जवाब में सीजेाई ने कहा, ‘एक महीना? नहीं सात दिन में मामले की जांच करें।’ सीजेआई ने पूछा, ‘पीड़िता की हालत कैसी है? इसपर मेहता ने उन्हे बताया कि वह वेंटीलेटर पर है। जिसके बाद सीजेआई ने कहा, क्या वह स्थानांतरण करने की हालत में है। हम पीड़िता को स्थानांतरित नहीं करना चाहते। क्या उसे एयरलिफ्ट किया जा सकता है। हम इसके बारे में एम्स से पूछेंगे। हम दोपहर दो बजे वापस आएंगे और सभी पांच मामलों को ट्रांसफर करने और पीड़िता और वकील को दिल्ली स्थानांतरित करने को लेकर आदेश देंगे। डॉक्टर बेहतर जज होते हैं। वह इस बात का फैसले लेंगे कि पीड़िता और उसके वकील को दिल्ली एयरलिफ्ट किया जा सकता है या नहीं।’ इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई करते हुए सीबीआई अधिकारी को दोपहर 12 बजे पेश होने और अभी तक की जांच के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया था। साथ ही न्यायालय ने उस सड़क दुर्घटना मामले की जांच पर जानकारी मांगी है जिसमें उन्नाव बलात्कार पीड़िता घायल हो गई थी। शीर्ष अदालत ने कहा कि हम इस बलात्कार मामले से जुड़े सभी मामलों को उत्तर प्रदेश के उन्नाव से बाहर स्थानांतरित करेंगे। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई मामले की स्थिति के बारे में जांच का पूरा विवरण चाहते हैं।