नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस अपने न्यायिक फैसलों को लेकर चर्चों में रहते हैं . मुख्य जज बनने से पहले भी उन्होंने कई अहम फैसले सुनाये हैं. उनके फैसले हमेशा ही सही और उन पर किसी तरह कोई प्रश्न चिन्ह नहीं खड़ा होता हैं. एक बार फिर उन्होंने न्यायिक व्यवस्था में सुधार करने के लिए एक कदम बढ़ाया है.सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट की सभी बेंच को आदेश दिया हैं कि अब से रोजाना 10 वैवाहिक मामलों की सुनवाई की जाये. साथ ही साथ 10 जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करें.जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ नें अपने कार्यकाल में कई अहम फैसले दिए है जिनके बारे में कोई सोचा न था. राममंदिर भूमि विवाद में जो फैसला आया उन जजों की पीठ में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे. अयोध्या जन्मभूमि विवाद, राइट टू प्राइवेसी, सेक्शन 377 और आधार स्कीम की वैधता समेत ऐसे कई अहम मामले रहे हैं, जिनका फैसला सुनाने वाली बेंच का जस्टिस चंद्रचूड़ हिस्सा रहे हैं.हाल ही में अवविवाहित महिलाओं को भी 6 माह तक का गर्भ गिराने की परमिशन वाले देने वाली बेंच का भी वह हिस्सा थे. साथ ही नोएडा में सुपरटेक के दोनों टावर 28 अगस्त को गिराया गया. 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने टावरों को तोड़ने का आदेश दिए था. ट्विन टावर के निर्माण में नेशनल बिल्डिंग कोड के नियमों का उल्लंघन किया गया.