* महिलाओं को ससुराल जाने का मौका, तबादला आदेश जारी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बेसिक स्कूलो मे तैनात शिक्षामित्रों को नए साल का तोहफा देते हुए शासन ने मूल विद्यालय (पहले तैनाती स्थल) वापसी का शासनादेश जारी कर दिया है। इसमे भी महिला शिक्षामित्रों को दोहरा लाभ मिलेगा। वह अपनी ससुराल के जिले मे भी तैनाती पा सकेंगी। इतना ही नही सभी शिक्षामित्रों को अपने वर्तमान कार्यरत विद्यालय मे तैनात रहने का भी विकल्प दिया जाएगा। तबादले का ऐसा ही एक आदेश 2018 में जारी हुआ था, जिसमें करीब एक लाख शिक्षामित्र लाभान्वित हुए थे। शेष बचे शिक्षामित्रों को अब नए आदेश से बड़ी राहत मिलेगी। शुक्रवार को बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. एमकेएस सुंदरम के जारी शासनादेश के अनुसार पुरुष शिक्षामित्र या फिर अविवाहित महिला शिक्षामित्र वर्तमान में कार्यरत विद्यालय में तैनात रहने अथवा मूल विद्यालय या मूल विद्यालय में पद रिक्त न होने की दशा में ग्रामसभा, ग्राम पंचायत, वार्ड में संचालित पास के विद्यालय में शिक्षामित्र के रिक्त पद पर तैनाती के संबंध में विकल्प दे सकेंगे। वही विवाहित महिला शिक्षामित्र वर्तमान में कार्यरत विद्यालय में तैनात रहने या मूल विद्यालय या उसी या अन्य जिले में पति के निवास प्रमाण पत्र के आधार पर पति के घर की ग्रामसभा, ग्राम पंचायत, वार्ड में स्थित परिषदीय प्राथमिक विद्यालय में रिक्त शिक्षामित्र पद पर तैनाती का विकल्प दे सकेंगी। स्थानांतरण के लिए शासनादेश में भारांक तय कर दिए गए है। सभी जिलों में डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। वही जो शिक्षामित्र अपने कार्यरत विद्यालय में ही पदस्थापित करने का विकल्प देंगे तो उनके आवेदन पत्रों पर किसी कार्यवाही की आवश्यकता नहीं होगी। स्थानान्तरण, समायोजन के प्राप्त आवेदन के आधार पर ही जिला स्तरीय गठित समिति द्वारा निर्धारित भारांक एवं रिक्ति के सापेक्ष शिक्षामित्र पद पर स्थानान्तरण, समायोजन की कार्यवाही राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) लखनऊ द्वारा विकसित साफ्टवेयर पोर्टल से ऑनलाइन जिले स्तर पर की जाएगी। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों वाले जिलों में उन विद्यालयों में जहां एक भी शिक्षामित्र कार्यरत नहीं है, वहां पर शिक्षामित्रों की तीन रिक्तियां चिह्नित की जाएंगी, जहां पर एक शिक्षामित्र है, वहां दो रिक्तियां चिह्नित की जाएंगी। जहां पर दो शिक्षामित्र कार्यरत हैं, वहां एक रिक्ति चिह्नित की जाएगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने जिले में परिषदीय विद्यालय, कम्पोजिट विद्यालय में कार्यरत व पंजीकृत समस्त शिक्षामित्रों का सेवा इतिहास एवं समस्त विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अनिवार्य रूप से फीड और अपडेट करेंगे। इसके अलावा सभी शिक्षामित्रों को अपनी लॉगिन आईडी से मानव संपदा पोर्टल से अपना डाटा डाउनलोड कर, उसके त्रुटिरहित होने का प्रमाण पत्र खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा कराना होगा। मानव संपदा पोर्टल के डाटा के आधार पर ऐसे परिषदीय प्राथमिक विद्यालय (कक्षा एक से पांच तक) कम्पोजिट विद्यालय (कक्षा एक से आठ तक) जहां शिक्षामित्र कार्यरत न हो, उनमें शिक्षामित्र की दो रिक्तियां चिह्नित की जाएंगी। जहां एक शिक्षामित्र कार्यरत हो वहां पर एक शिक्षामित्र की रिक्ति चिह्नित की जाएगी। वही उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला के अनुसार जो शासनादेश जारी हुआ उसके लिए सरकार को समस्त अधिकारियों को ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाई। मूल विद्यालय वापसी का शासनादेश जारी होना सबसे बड़ी बात है। महिलाओं को उनको अंतर्जनपदीय स्थानांतरण का लाभ मिलेगा। वही पुरुषों को भी एक बार अपने यथास्थान पर जाने का अवसर मिलेगा। अब शिक्षामित्रों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो इसके लिए हम लोग लगातार प्रयास करते रहेंगे।।
लखनऊ से कपिल यादव