सीएम ने इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर का किया निरीक्षण:बोले प्रत्येक सीएचसी और पीएचसी पर लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट

बरेली। मुरादाबाद से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बरेली पहुंचे। पुलिस लाइन में आईजी कमिश्नर डीएम एसएसपी ने किया स्वागत मंत्री सांसद विधायक भाजपा नेता नहीं पहुंचे। सीएम योगी सर्किट हाउस नहीं गये। पुलिस लाइन से सीधे कलेक्ट्रेट के इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर पहुंचे। महज सात मिनट में कोविड सेंटर का निरीक्षण किया। इसके बाद कलक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे हैं। कलक्ट्रेट सीएम पहली बार पहुंचे, तभी कोविड कमांड सेंटर से बाहर निकलने के दौरान एनएसजी कमांडो से पूछा, अब किधर जाना है, तभी कार में बैठ गये। इस दौरान विधायक एडीजी आईजी कमिश्नर डीएम एसएसपी, सीएमओ मौजूद रहे। इस दौरान अधिकारी, मीडिया कर्मियों की संख्या ज्यादा होने से कोविड नियमों का पूरी तरह से पालन होता नहीं दिखा। इंटीग्रेटेड कोविड कमांड कंट्रोल रूम में सीएम ने सिर्फ सात मिनट में व्यवस्था समझते हुए वहां मौजूद स्टॉफ से सवाल-जवाब भी किए। योगी ने स्टाफ से पूछा कि जब फोन आता है तो कैसे मैनेज करते है। स्टाफ ने जवाब दिया कि फोन आते ही जानकारी नोट की जाती है, उसके बाद अस्पताल में भर्ती करने व ऑक्सीजन जैसी जरूरतों को पूरा करवाने के प्रयास किया जाता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले कुछ दिनो मे कोरोना के मामलों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि मिशन मोड में काम करते हुए कोरोना पर नियंत्रण प्राप्त करने के लिए हम कृत संकल्पित है। मुख्यमंत्री योगी ने बरेली मंडल के चारों जिलों की सीएचसी और पीएचसी पर जनप्रतिनिधि-सरकारी विभाग और सक्षम संस्थाओं के जरिए ऑक्सीजन प्लांट लगवाने की ऐलान किया। तीसरी लहर से पहले हर हाल में सीएचसी-पीएचसी पर ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था करने का टारगेट दिया। मुख्यमंत्री ने कोरोना के खात्मे के लिए सरकार की योजना को सही बताया। उन्होंने कहा कि कोरोना टेस्ट तथा कांटेक्ट ट्रेसिंग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री शनिवार को बरेली में कलेक्ट्रेट स्थित इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण करने के बाद कलेक्ट्रेट सभागार मे बरेली मंडल में कोविड की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक मे केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष कुमार गंगवार, प्रदेश के नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना के साथ ही अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। बैठक मे मुख्यमंत्री ने कहा कि जितनी भी आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं, उनको निर्मूल साबित करते हुए हमें कोरोना पर विजय प्राप्त करनी है। साथ ही कोरोना के जिस तीसरे चरण की आशंका व्यक्त की जा रही है उसके लिए भी विशेष तैयारियां करनी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक मई से अब तक 65000 कोरोना के एक्टिव केस कम हुए हैं और पिछले एक सप्ताह में पाजिटिविटी रेट में कमी आई है और रिकवरी रेट भी बढ़ा है। इस सकारात्मक बदलाव को हमें आगे भी बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि कांटेक्ट ट्रेसिंग तथा टेस्टिंग पर और अधिक जोर दिया जाए, प्रयास यह होना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति, उसके सम्पर्क आदि कोई भी टेस्टिंग से छूट न जाए ताकि कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि बरेली मंडल में भी टेस्ट और कांटेक्ट ट्रेसिंग की रफतार बढ़ाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि वेंटीलेटर तथा अन्य मेडिकल उपकरण क्रियाशील रहे। इनका प्रयोग अवश्य किया जाए। उन्होंने कहा कि बरेली मंडल के सभी जनपदों में मेडिकल उपकरणों की नियमित समीक्षा की जाए और उनके समुचित उपयोग को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन अस्पतालों में मैनपावर की कमी है, उसके लिए शासन स्तर पर तत्काल पत्र व्यवहार कर उसे पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि शासन स्तर पर कोरोना से निपटने के लिए उपलब्ध कराए जा रहे संसाधनों को जिला प्रशासन तत्परता से प्राप्त करने के प्रयास करे। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यों के निष्पादन में जिला स्तर पर भी कमेटियों को गठन होना चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोई भी व्यक्ति कोरोना वैक्सीन से वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैक्सीन जीवन रक्षक के रूप में हमारे सामने आई है, वैक्सीन आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है और लोगों के लिए उपयोगी रक्षा कवच बन सकती है। बैठक में उन्होंने अवगत कराया गया कि बरेली मंडल में अब तक 1462506 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि होम आईसोलेशन के रोगियों को घरों पर ही दवाइयों के किट उपलब्ध कराने में अभी तक सफलता मिल रही हैं। यह कार्य इसी प्रकार जारी रखा जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के रोकने के लिए निगरानी समितियों को और अधिक सक्रिय किया जाए। उन्होंने बैठक में शाहजहांपुर, बदायूं, पीलीभीत और बरेली के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत निगरानी समितियों का ब्यौरा जिलाधिकारियों से प्राप्त किया और कहा कि आरआरटी तथा आशा कार्यकत्रियों आदि को भी इस कार्य के लिए सक्रिय किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना को रोकने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर इन सभी का समन्वय किया जाए। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान को और गति दी जाए। मुख्यमंत्री ने बरेली मंडल के सभी जिलाधिकारियों से कहा कि एम्बुलेंस का किराया निर्धारित कर दिया जाए ताकि रोगियों के आवागमन की सुविधा में व्यवधान न आने पाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि श्माशान घाटों पर भी निगरानी रखी जाए और वहां पर यदि कोई समस्या आ रही है तो प्राथमिकता पर उसका निस्तारण किया जाए। साथ ही कोरोना के अलावा कैंसर और ह्रदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे रोगियों के लिए नान कोविड अस्पतालों में आपातकालीन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में हमें अपने हेल्थ इंफ्रास्टक्चर को वर्तमान क्षमता से लगभग दोगुना करने के प्रयास करने हैं। जनपदों का अपना प्रबंधन होना चाहिए और अभी से तैयारी करनी चाहिए कि कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए महिलाओं और बच्चों के लिए क्या तैयारी की जानी है। बैठक में केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि बरेली में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हुआ है और वर्तमान में स्थितियां संतोषजनक हुई हैं। बैठक में प्रदेश के वित मंत्री सुरेश खन्ना के अलावा अन्य जनप्रतिनिधि तथा मंडल के अधिकारी ऑनलाइन शामिल हुए। बैठक के बाद मुख्यमंत्री बरेली के गांव मुड़िया अहमद नगर भी गए और वहां के प्रथमिक स्कूल में ग्रामीणों से कोरोना की स्थिति की स्थलीय समीक्षा की। गांव में स्वच्छता अभियान तथा कोरोना की दवाइयों की उपलब्धता के बारे में भी उन्होंने ग्रामीणों से पूछा।।

बरेली से कपिल यादव

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