फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। सीएचसी खिरका में एंटी रैबीज वैक्सीन समाप्त हो गई हैं। कुत्तों व बंदरों के काटने से घायल मरीजों को अस्पताल के अलावा बाजार में भी यह वैक्सीन काफी अधिक पैसो में मिल पा रही हैं। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को एंटी रेबीज वैक्सीन लगाने के लिए मरीज सीएचसी में पहुंचे, लेकिन अस्पताल में वैक्सीन नहीं होने से उन्हें वापस लौटना पड़ा। इस बीच लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सीएचसी खिरका पर लोग चक्कर लगा रहे है लेकिन वैक्सीन गायब है। मामला कस्वे के अंसारी मोहल्ला वार्ड 14 निवासी दस वर्षीय समीर अंसारी पुत्र शाहिद के बंदर ने काट लिया था जब शनिवार को इनकी दादी खिरका के सरकारी अस्पताल वैक्सीन लगवाने पहुँची काफी देर तक डॉक्टरो से अनुरोध करती रही लेकिन वहाँ से यह कहकर टरका दिया गया कि वैक्सीन ऊपर से ही नहीं आ रही है। इस सीएचसी की तो छोड़िए बरेली तक में वैक्सीन नहीं मिल रही है। एक तरफ सरकार चाहती है कि गरीबों को बेहतर इलाज मिल सके लेकिन सरकारी मशीनरी कुछ और ही चाहती है।
जिम्मेदारी से बच रहे जिम्मेदार लोग
कुत्ता काटने के मरीज को एआरवी की सुविधा जिला अस्पताल के साथ सीएचसी पर भी शासन ने मुहैया करायी जाती है, ताकि मरीजों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ही वैक्सीन लग जाए। हैरत की बात यह है कि तीन दिन पहले वैक्सीन होने के बावजूद कई सीएचसी पर मरीजों को एआरवी नहीं लगाया जा रहा है। सीएचसी पर स्टाफ व डॉक्टर्स मरीजों को वैक्सीन लगाने की मेहनत से बचने को जिला अस्पताल भेज देते है।
एआरवी शासन से नहीं मिल पाई है। मिलने के बाद ही एंटी रैबीज वैक्सीन मरीजों के लगाई जाएगी।।
डॉ संचित शर्मा सीएचसी प्रभारी खिरका
फतेहगंज पश्चिमी
– बरेली से कपिल यादव