साहित्य सुरभि की काव्य गोष्ठी मे खूब बरसे होली के चटख रंग

बरेली। साढ़े तीन दशक से सक्रिय साहित्यिक संस्था साहित्य सुरभि की नियमित मासिक काव्य गोष्ठी मढ़ीनाथ स्थित वरिष्ठ कवि राममूर्ति गौतम गगन के आवास हिंदी भवन पर आयोजित की गई। कवियों-शायरों ने अपनी यादगार रचनाओं के माध्यम से रंगों और उल्लास के विशिष्ट पर्व होली पर हास्य-व्यंग, मस्ती और आनंद की खूब पिचकारियां एक-दूसरे पर भर-भरकर मारी। वरिष्ठ साहित्यकार हिमांशु श्रोत्रिय निष्पक्ष की सस्वर वाणी वंदना से प्रारंभ हुई। विशिष्ट अतिथि रणधीर गौड़ धीर ने होली को प्रेम-सद्भाव का त्यौहार बताते हुए अपनी इस लाजवाब गजल से खूब वाहवाही बटोरी। अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार सुरेश ठाकुर ने विज्ञान और संस्कृति के झरोखों से मानव जीवन में रंगों की उपादेयता समझाने की सार्थक कोशिश की। खूब प्रशंसा और ढेर सारी तालियां अपने नाम की। मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार कवि गणेश पथिक ने होली के रंगों भरे त्यौहार पर भी विरह वेदना से तप रही नायिका की मनोदशा का गीत के माध्यम से मार्मिक वर्णन किया। वरिष्ठ हास्य कवि डाॅ. रामशंकर शर्मा प्रेमी ने साली की महिमा का शब्दों मे बखान किया। राज शुक्ल गजलराज खूब पसंद की गई। हास्य कवि उमेश त्रिगुणायत अद्भुत ने होली पर गीत सुनाया। कवि गोष्ठी मे राममूर्ति गौतम गगन, राजकुमार अग्रवाल राज, प्रताप मौर्य मृदुल, नितेश कपूर आदि मां वाणी के साधकों ने भी ओज, राष्ट्र भक्ति, मेलमिलाप-भाईचारा और उल्लास के चटख रंग भरे। हास्य कवि मनोज दीक्षित टिंकू ने सफल संचालन किया और हास्य से भरी कई रचनाएं भी सुनाई।।

बरेली से कपिल यादव

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