फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। साल दिसंबर का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर यानी आज पड़ेगा। अमावस्या की रात को पढ़ने वाला यह सूर्य ग्रहण खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा। रात में लगने की वजह से यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा। यह सूर्य ग्रहण अगहन मास की सोमवती अमावस्या के दिन वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लग रहा है। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए भारत में ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। ज्योतिषाचार्य पं. मुकेश मिश्रा बताते हैं कि ग्रहण कैसा भी हो उसका प्रभाव मानव जीवन में जरूर होता है। ऐसे में ग्रहण के दौरान सभी लोगों को सावधानी रखनी होगी। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक 14 दिसंबर को सूर्य ग्रहण के दौरान पांच ग्रह एक साथ होंगे। सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में लग रहा है। ग्रहण काल में वृश्चिक राशि में पांच ग्रह सूर्य, शुक्र, बुध, केतु और चंद्रमा एक साथ होंगे। इसके साथ ही ग्रहण में कोई सूतक काल नहीं लगेगा। नहीं दिखाई देने के कारण भारत में ग्रहण का सूतक भी मान्य नहीं होगा। सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 14 दिसंबर को शाम 7 बजकर 3 मिनट से शुरू हो जाएगा और 15 दिसंबर की रात 12 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा। पं. मुकेश मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2020 में कुल छह ग्रहण लगने थे। जिसमें चार चंद्र और दो सूर्य ग्रहण शामिल हैं। 15 दिनों के भीतर यह दूसरा ग्रहण हैं। इस ग्रहण से पहले 30 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगा था और अब 14 दिसंबर यानी आज को सूर्य ग्रहण लग रहा है। सूर्य ग्रहण का प्रभाव देश और दुनिया पर बहुत अधिक पड़ता है। कहते हैं कि सूर्य ग्रह सत्ता, सत्ताधारी और घर के मुखिया को सबसे अधिक प्रभावित करता है। इसलिए सूर्य ग्रहण को बहुत प्रभावशाली माना जाता है। विद्वानों का मानना है कि सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर शुभ-अशुभ रूप से पड़ता है।।
बरेली से कपिल यादव