बरेली। आईवीआर आई गेट पर बुधवार शाम 7:58 मिनट पर अचानक तेज सायरन बजते ही अफरा-तफरी मच गई। एक के बाद एक कर दुश्मन की ओर से शहर के तमाम इलाकों में चम फेंके गए। धमाकों की आवाज सुनकर लोग अपने घरों से निकल सड़क पर आ गए और 8 बजते ही पूरा शहर अंधेरे में डूब गया। 10 मिनट तक अंधेरे में लोग अपने परिजन, दोस्त और अन्य नागरिकों के साथ खाली जगह में आकर खड़े हो गए। इसके बाद लाइट जलने पर सिविल डिफेंस ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर घायलों को स्ट्रेचर पर लादा। वहीं, कुछ ही देर में एंबुलेंस पहुंच गई। बमबारी से पास ही एक घर में आग लगने के सिर्फ दो मिनट के बाद अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने चंद सेकेंड में आग पर काबू पा लिया। यह अभ्यास गृह मंत्रालय के निर्देश पर आईचीआरआई में जिला प्रशासन, पुलिस और सिविल डिफेस ने किया। मजबूत आधार के नीचे हों खड़े करीब 20 मिनट तक चली माँक ड्रिल के चाद प्रशासनिक अधिकारियों ने नागरिकों को आपदा के समय क्या करें और क्या न करने के बारे में जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि हमले की स्थिति में जल्द से जल्द किसी मजबूत आधार के नीचे या खुले स्थान पर खड़े हो जाएं। सलाह दी गई कि स्थिति की गंभीरता को समझें, लेकिन शांत राहें क्योंकि घबराहट में गलत निर्णय लेने की संभावना बढ़ जाती है। अफवाहों पर ध्यान न देते हुए सिर्फ सरकारी खबरे पर ही विश्वास करें। अन्य खबरों को न फैलाएं और न ही सुने। इसके साथ ही जब तक प्रशासन की ओर से बाहर निकलने के लिए न कहा जाए, अपने घरों के अंदर ही रहें, खिड़कियों और दरवाजों से दूर रहें, यदि आपके आस-पास कोई बंकर या मजबूत भूमिगत स्थान उपलब्ध है, तो आवश्यकता पड़ने पर वहां आश्रय लें। सेकेंड लाइन ऑफ डिफेस की तरह डटे रहे एनसीसी के कैडेट्स ने युद्ध के हालत में सेकेंड लाइन ऑफ डिफेंस की तरह काम की तरह काम किया। उन्होंने घायलों को अस्पताल पहुंचाने में सिविल डिफेंस का सहयोग किया। 21वीं यूपी बटालियन एनसीसी के एनसीसी कैडेट की ओर से जनता मे जोश भरने के लिए नारे लगाते रहे। सिविल डिफेंस के कर्मियों की ओर से बमबारी के दौरान घायलों को अस्पताल ले जाया गया। जबकि दहशत में आए लोगों को मौके पर ही प्राथमिक उपकर उपलब्ध कराया गया। वही घायलों को ले जाने के लिए महिला सिविल डिफेंस कमी भी पीछे नही रही। उन्होंने भी घायलों को उपचार के लिए एंबुलेंस के लिए पहुंचाया। शहर के सभी मुख्य चौराहो पर मॉक ड्रिल के चलते वैरिवेडिंग की गई थी। प्रत्येक बेरिकेडिंग पर पुलिस तैनात थी। आठ बजने से पाले ही ट्रैफिक की रोक दिया गया। आठ बजते ही सभी गड़ियाँ, प्रतिष्ठानों, दुकानों, मोटरसाइकिल सबकी लाइट बंद हो गई। अच्छे नागरिक का परिचय देते हुए ब्लैक आउट में सहयोग किया। करीब दस मिनट बाद लाइटें खुलने के बाद पुलिस को जाम खुलवाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।।
बरेली से कपिल यादव