कुशीनगर- जनपद के शिक्षामित्रों ने शासन के वादाखिलाफी एवं शिक्षामित्र विरोधी नीतियों के विरोध में सामुहिक मुण्डन करा कर अपनी नाराजगी जाहिर की।
बता दें पिछले वर्ष आज ही के दिन सूबे के एक लाख बहत्तर हजार शिक्षामित्रों के शिक्षक पद पर समायोजन को अवैध ठहराते हुए सुप्रीमकोर्ट ने इन्हें सरकार के रहमोकरम पर छोड़ दिया था।किन्तु एक वर्ष बीत जाने के बाद भी शासन द्वारा इनके सम्बंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।शासन के इस उपेक्षापूर्ण कारनामों से क्षूब्ध होकर शिक्षामित्रों ने अपने अधिकार को पाने के लिए यह कदम उठाया है।इसी क्रम में दुदही ब्लॉक के न्याय पंचायत अमवा दीगर मे कार्यरत पुरंजय प्रजापति के नेतृत्व में शिक्षामित्रों ने मुण्डन कराया।
टेट पास शिक्षामित्र पुरंजय प्रजापति ने बताया कि सरकार शिक्षामित्रों के प्रति बिल्कुल ही संवेदनशील नही है अन्यथा समायोजन निरस्त हुए एक वर्ष होने के बाद भी सरकार हमें सिर्फ आश्वासन की घुट्टी नही पिलाती।क्योंकि यदि इच्छाशक्ति हो तो इतने समय में किसी भी समस्या का हल निकाला जा सकता है।अपनी पीड़ा बताते हुए रूधें गले से टेट पास शिक्षामित्र ईशा अली ने बताया कि सरकार हमारे साथ बदले की भावना से काम कर रही है।जिसका प्रमाण टेट परीक्षा के बाद एक और लिखित परीक्षा थोपना है क्योंकि किसी भी प्रदेश में टेट के बाद लिखित परीक्षा का प्रावधान नही है। इतना ही नहीं सरकार ने हम शिक्षामित्रों को बाहर करने लिखित परीक्षा तो थोपी ही है साथ में अपने अधिकार क्षेत्र से आगे बढ़कर उसमें पासिंग मार्क भी लगा दी है।जिससे आये दिन कोर्ट में नई नई याचिकाएं दाखिल हो रही हैं।जबकि यही उत्तराखंड सरकार टेट पास शिक्षामित्रों को स्थाई करते हुए जो टेट नही पास है उनके लिए 2019 तक पद पर रहते हुए टेट पास करने की छूट दे चुकी है।भाजपा के इसी दोहरे चरित्र के विरोध में आज हम लोग मुण्डन करा कर सरकार को सचेत करने का प्रयास कर रहे हैं और यह संदेश देना चाहते हैं कि अब भी वक्त है केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर अपने संकल्प पत्र के अनुसार हमारे लिए स्थाई समाधान निकाले ,क्योंकि लोकतंत्र में सरकारों को बनाने और बिगाड़ने का अधिकार जनता के हाथ में होता है।
इस अवसर पर पुरंजय प्रजापति, ईशा अली, रमाकांत कुशवाहा आदि लोग मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
– जटा शंकर प्रजापति,कुशीनगर