सामाजिक संगठन ने निकाली वेदांता अस्पताल के प्रबंधतंत्र की प्रतीकात्मक शव यात्रा

आजमगढ़- प्रयास समाजिक संगठन व युवा मंच ने सोमवार को वेदांता अस्पताल के प्रबंधतंत्र की प्रतीकात्मक शवयात्रा निकाला। जो शहर के विभिन्न स्थानों से होते हुए मेहता पार्क पहुंची। वहां पर प्रतीकात्मक शव का विधिवत दाहसंस्कार किया। इस दौरान लोगों ने नारेबाजी करते हुए अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने की मांग भी किया।
संगठनो ने आरोप लगाया की लछिरामपुर स्थित वेदांता अस्पताल में मृत्यु के बाद भी शव रखकर इलाज करने वाले डाक्टर शिशिर जायसवाल के स्टाफ से जब तीमारदारों ने शव को मांगा तो स्टाफ के लोगों ने उनके साथ अभद्रता करते हुए मारपीट किया। दवा किया की अस्पताल की तानाशाही के खिलाफ जिले के सामाजिक संगठन लामबंद हो चुके है और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग करने लगे है। सोमवार को सामाजिक संगठन प्रयास व युवा मंच के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट चैराहे से अस्पताल के प्रबंधक की प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाला। जो मड़या, रैदोपुर गांधी तिराहा व काली चौरा होते हुए मेहता पार्क पहुंचा। जहां लोगों ने अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने की मांग करते हुए विधि विधान से प्रतिकात्मक शव का अंतिम संस्कार किया।
प्रयास के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने कहाकि मानवीय संवेदनाओं का तार तार कर देने वाली यह घटना मानवता को शर्मसार कर देने वाली है। लाशों के नाम पर कारोगार करने वाले किसी को भी सभ्य समाज स्वीकृति नही देता। जघन्यतम श्रेणी में आने वाले कुकर्मो की दास्तान कुछ ऐसी ही होती है जैसा कि वेदांता अस्पताल ने शव की चिकित्सा कर अंजाम दिया है। पूरे प्रकरण की जांच सीएमओं को सौपी गई हैं यदि मनमाने ठंग से उन्होंने वेदांता को क्लिन चिट देने का प्रयास किया तो नापाक गठजोड़ के खिलाफ प्रयास और युवा मंच के साथी आंदोलन करेंगे। कहा की यह वेदांता का पहला वाक्या नही है पूर्व में भी ऐसी कई घटनाए हो चुकी है और प्रशासन सदैव की तरह इस बार भी मुकदर्शक बना है।
डा. विरेन्द्र पाठक ने कहाकि धन कमाने की लालच में वेंदाता ने घिनौना काम किया है। मृत व्यक्ति को चिकित्सा के नाम पर अस्पताल में रोकना और उनके परिजनों से धन ऐंठना चिकित्सा धर्म के विरूद्ध है। अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर ऐसे लोगों को ब्लैक लिस्टेड किया जाना चाहिए। युवा मंच के किशन सिंह ने कहाकि ऐसे चिकित्सालय अनट्रेन्ड नर्सिग स्टाफ के भरोसे चलाए जाते है। पूरा अस्पताल महज एक-दो ट्रेन्ड डिग्रीधारक पैरामेडिकल स्टाफ के नाम पर चलाया जाता है। जबकि वास्तविकता है कि ज्यादातर निजी अस्पताल बिना डिग्री धारक पैरामेडिकल स्टाफ चिकित्सा कर रहे है जो जन-स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ तो करते ही है साथ ही साथ मैनेजमेन्ट के इशारे पर तीमारदारों के साथ मार-पीट एवं हाथापाई भी करते है। जनपद भर में संचालित ऐसे चिकित्सालयों को चिन्हित कर सीएमओ तत्काल कड़ी से कड़ी कार्यवाही करें।
इस अवसर पर डा. हरिगोबिंद विश्वकर्मा, इजी. सुनील यादव, कुनाल, आलोक लहरी, राजा ज्ञानेश तिवारी, अभिषेक सिंह, मिथिलेश, राजन सोनकर, राजीव शर्मा, रविशंकर सिंह, सुदर्शन, अरविंद, उदय प्रताप सिंह, शम्भु दयाल सोनकर, रामजनम राव, राजन सिंह, आयूष विश्वकर्मा, प्रदीप यादव, अतुल श्रीवास्तव, संदीप यादव, एसपी सिंह, चन्द्रशेखर यादव आदि लोग प्रतिकात्मक शव यात्रा में मौजूद रहे।

रिपोर्ट -राकेश वर्मा आजमगढ़

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