फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। शहर के सबसे चर्चित उद्योगपति प्लाईवुड मालिक संजीव गर्ग हत्याकांड का पुलिस ने एक महीने मे खुलासा कर दिया है। 21 जनवरी को उनकी हत्या की गई थी और 21 फरवरी को पुलिस ने हत्याकांड से पर्दा उठा दिया है। संजीव गर्ग की हत्या का खुलासा कर 4 हत्यारोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए बदमाशों से 8 किलो सोना और 13 लाख रुपये बरामद हुए है। चार हत्यारोपी के गिरफ्तार होने के बावजूद 4 आरोपी अभी भी फरार है। बीते माह 20 जनवरी को हुई इस सनसनीखेज घटना के खुलासे के लिए 50 से अधिक पुलिसकर्मियों ने बरेली से लेकर हरियाणा और पंजाब तक दबिश देकर अपराधियों की शिनाख्त की। उद्योगपति की हत्या की साजिश एक साल से की जा रही थी। उनके साढ़ू के बेटों ने ही उद्योगपति की हत्या का ताना-बाना बुना था। सुपारी किलर के जरिए हत्या कराई गई थी। प्रेमनगर में दिव्य प्रकाश प्रेस के पास रहने वाले उद्योगपति संजीव गर्ग की परसाखेड़ा में महावीर प्लाईवुड इंडस्ट्रीज के नाम से फैक्ट्री है। 21 जनवरी को फतेहगंज पश्चिमी के अगरास रोड पर एएनए कॉलेज के पास उनकी हत्या की गई थी। उनका शव गाड़ी से जमीन तक लटका मिला था। उनके बेटे डॉक्टर शुभम गर्ग की ओर से थाना फतेहगंज पश्चिमी में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। मुकदमे की छानबीन में जुटी पुलिस को पहले से ही रिश्तेदारों पर हत्या का शक था। पुलिस का शक, सच साबित हुआ। लेकिन उस सच को सच साबित करने में पुलिस को पूरा एक महीना लग गया। घटना का खुलासा करते हुए एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि उद्योगपति संजीव गर्ग की हत्या उनके साढू के बेटे सोनू और मोनू ने 5 लाख रुपये सुपारी देकर करवाई थी। पुलिस ने सुपारी किलर विकास भल्ला, राजस्थान निवासी शुभम कुमावत, उद्योगपति संजीव गर्ग के साढू के बेटे गौरव मित्तल उर्फ सोनू और सौरभ मित्तल उर्फ मोनू को ट्यूलिया अंडरपास के नजदीक से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने पूंछताछ के आधार पर बताया कि सोनू और मोनू कई वर्ष अपने मौसा संजीव गर्ग के यहां फैक्ट्री में नौकरी करते थे, लेकिन उनकी गलत हरकतों के चलते संजीव गर्ग ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया। इस बेइज्जती का बदला लेने के लिए सोनू और मोनू दोनों भाइयों ने अपने मौसा संजीव गर्ग की हत्या का प्लान बनाया। इस जघन्य हत्याकांड में कुल 8 अपराधी शामिल थे. इनमें से पुलिस ने 4 को पकड़ लिया है जबकि चार फरार है। पकड़े गए इन सभी बदमाशों पर अलग अलग राज्यों में हत्या, लूट और डकैती के दर्जनों मुकदमे दर्ज है। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि सोनू और मोनू लगातार पुलिस को गुमराह कर रहे थे और घटना वाले दिन से ही वो परिवार वालों के साथ घटना स्थल पर भी थे ताकि उनपर कोई शक न करे।।
बरेली से कपिल यादव