सरकार सुखाचार की भावना से आमजनता का रास्ता खोलोगे या फिर कोई झुनझुना थमा दो कि हमारे से नहीं होगा …..

राजस्थान/बाड़मेर- पिछले दो सालों से कलेक्ट्रेट परिसर से एक डेढ़ किलोमीटर दूरी पर स्थित मूल खसरा नम्बर 1296 में आमजन के लिए राज्य सरकार, मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री द्वारा अन्तिम छोर पर बैठे व्यक्ति को राहत देने के लिए सुखाचार की भावना के बावजूद भी सौ मीटर सरकारी ग्रेवाल सड़क पर अतिक्रमण नहीं हटाया गया है राजस्व शाखा में भी बड़ी फाइल बन गईं है। लेकिन राहत की जगह आफत बन गईं है जगह जगह पर बबूल की कन्टिली झाडियाँ उगने के कारण बच्चों को स्कूल और क्षेत्र के लोगों को आवागमन करने के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आपसे करबद्ध अनुरोध करतें हैं कि इस समस्या का समाधान करते हुए सड़क पर डामरीकरण करवाएंगे लेकिन सुखाचार शब्दों की परिभाषा क्या है ये भी तो समझाने वाला अधिकारी कहाँ से लाएं बाड़मेर शहर में।❓

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा पूरे राज्य में हजारों रास्ते आमजनता को राहत देने के लिए रास्ता खोलो अभियान’ के तहत होंगे ये कार्य होने चाहिए लेकिन राजस्थान काश्तकारी अधिनियम, 1955 की धारा 25 के तहत रास्ता खुलवाना। राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 251ए के तहत दिए गए रास्तों को राजस्व रिकार्ड में दर्ज करवाना। मुख्य ग्राम, बाडिया, ढाणियां व मजरा को जोड़ने वाले रास्तों का राजस्व रेकॉर्ड में अंकन। कदीमी रास्तों का राजस्व रेकॉर्ड में अंकन। राजस्व रेकॉर्ड में दर्ज रास्ते, जो मौके पर बन्द हैं, उन्हें खुलवाना। नरेगा में निर्मित रास्तों का राजस्व रेकॉर्ड में अंकन। कृषि भूमियों पर आवागमन के लिए सार्वजनिक रास्तों का राजस्व रेकॉर्ड में अंकन उक्त शब्दों को पढ़ने से बहुत शानदार लगता है लेकिन धरती पर कौन लागू करेंगे ये कहना बड़ा मुश्किल है।
राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार अभियान को सफल बनाने के लिए विभिन्न निर्देश जारी किए गए हैं, जिनमें ‘रास्ता खोलो अभियान’ के लिए जिला एक नोडल अधिकारी व एक सहायक स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। नोडल अधिकारी अतिरिक्त जिला कलक्टर के पद के समकक्ष होगा। अभियान के क्रियान्वयन व पर्यवेक्षण के लिए प्रत्येक उपखण्ड में एक प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। बंद रास्तों को समझाइश एवं आपसी सहमति से खोले जाने का प्रयास किया जाएगा।

अभियान के दौरान खुलवाए गए रास्तों की वीडियोगाफी- फोटोग्राफी करवाई जाएगी। उपखंड अधिकारी सप्ताह में कम से कम 10 रास्तों की समस्या का समाधान करेंगे। रास्ता खोलो अभियान की जिलेवार प्रगति रिपोर्ट संलग्न प्रारूप में प्रत्येक सोमवार को राजस्व मण्डल को प्रेषित की जाएगी

राज्य सरकार आमजन की समस्याओं के समाधान और राहत पहुंचाने के लिए रास्ता खोलो अभियान चलाएगी। काश्तकारी अधिनियम के तहत चलाए जाने वाले अभियान के तहत ग्रामीण अंचल की सबसे बड़ी समस्या खेत, खलिहान को जाने वाले रास्ते पर अतिक्रमण दूर करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार ने कार्यक्रम के लिए सभी उपखंड अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है ताकि अतिक्रमण और अन्य कारणों से दशकों से बंद रास्तों को फिर से खोला जा सके।

सरकार की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया है कि अभियान के संचालन के लिए हर जिले में एक नोडल अधिकारी और एक सहायक स्तर का नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। इसके अलावा प्रत्येक उपखंड में एक प्रभारी अधिकारी भी नियुक्त किया जाए। अभियान का उद्देश्य समझाइश और आपसी सहमति से बंद रास्तों को फिर से खोलना है। प्रदेश में जयपुर सहित कई जिलों में अभियान के तहत कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अभियान का अधिक महत्व होगा।

रास्तों को लेकर संबंधित उपखंड अधिकारी के पास शिकायत की जा सकती है। लंबे समय से विवादित रास्तों के विवाद का हल होने से संबंधित इलाकावासियों को ही अधिक राहत मिलेगी। रास्तों पर किए गए अतिक्रमण से रास्तों का उपयोग करने में परेशानी होती है। इस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में आपस में लडाई-झगड़े होते रहते हैं, जिससे ग्रामीणों का सामंजस्य नहीं रहता। यह काम किए जाएंगे: राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 251 के अंतर्गत सड़कें खुलवाने तथा सड़कों को 251 ए के अंतर्गत राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाना।

मुख्य गांव, बाड़ियां, ढाणियां को जोड़ने वाली सड़कों को राजस्व रिकॉर्ड में अंकित करवाना। पुरानी सड़कों को राजस्व रिकॉर्ड में अंकित करवाना। रिकॉर्ड में दर्ज बंद सड़कों को मौके पर खुलवाना। मनरेगा योजना के तहत बनाई गई सड़कों को राजस्व रिकॉर्ड में अंकित करवाना। कृषि भूमि पर आवागमन के लिए सार्वजनिक सड़कों को राजस्व रिकॉर्ड में अंकित करवाना।

– राजस्थान से राजूचारण

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