सरकार …… पाणी पिला दो, नहीं सुधरेगी बाड़मेर में नहरी पानी की समस्याएं

राजस्थान/बाड़मेर- बाड़मेर जिले में सर्दियाँ के मौसम की शुरुआत में ही साधारण परिवार के लोगो का जीवन यापन करने के लिए काफी जद्दोजहद करते हुए ग्रामीण ओर शहरी क्षेत्रों में अक्सर देखा जा सकता है लेकिन जिला प्रशासन द्वारा जलापूर्ति व्यवस्था करने वाले विभाग पर सही मोनिटरिंग नहीं होने के कारण आजकल शहरी क्षेत्रों में रहने वाली जनता में भारी रोष व्याप्त है, लोगों की आपसी बातचीत में पिछली सरकार बदलने के बाद भी हमारे यहाँ पर जलदाय विभाग में ढुलमुल नीति से कार्य करने की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं की अभी सर्दियों में ये हाल है तो फिर आने वाली गर्मियों के मौसम में कैसे हालात होगा।

जलदाय विभाग के सरकारी जल वितरण रजिस्टर का अवलोकन करने पर पानी का वितरण सम्पूर्ण स्टाफ होने के बावजूद भी रोस्टर पद्धति के द्वारा नहीं होने से दानजी की होदी क्षेत्र सहित शहरी क्षेत्रों में जलापूर्ति करने के कारण और संदेह बढ जाता है, जलापूर्ति व्यवस्था से परेशान महिलाओं ने बताया की सरकारी पानी को ही जलमाफियो द्वारा शहर में नहरी मीठा पानी के नाम पर खुल्लेआम सैकड़ों ट्रेक्टर टन्कियो द्वारा बेचकर मालामाल हो रहे हैं।

गौरतलब हैं कि दानजी की होदी क्षेत्र की टंकी में चार पांच पाइपलाइन से लगभग एक दो दर्जन जल सप्लाई शुरू करने पर कनेक्शन धारकों के घरों तक पानी पहूंचाने वाली पानी लाईन के बीच में सैकड़ों अवेध जल कनेक्शन हो चुके हैं किन्तु अवेध जल कनेक्शनधारियो का रसूखदार होने के कारण जलदाय विभाग द्वारा न तो अवैध कनेक्शन काटे जा रहे हैं, न ही अवैध कनेक्शन लेने वालो के खिलाफ किसी प्रकार की कार्यवाही की जा रही हैं। नतिजतन शहर के आसपास में पिछले तीन चार बरसों से अवैध जल कनेक्शनों से रोके गए पानी से रसूखदार परिवारों द्वारा ट्रेक्टर टंकीयो से पानी भरकर सरकारी नहरी पानी को मिलीभगत कर सरकारी पीने के पानी का खुलेआम दुरूपयोग किया जा रहा हैं। साथ ही अवैध रूप से बागवानी, नीजि स्तर पर बगीचे, लगाए जाकर शेष पानी को व्यर्थ में बहाया जाता हैं। पीने के पानी को बूंद बूंद को तरसते ग्रामीणों ने कई बार जलदाय विभाग व जिला प्रशासन को जनसुनवाई के दौरान ज्ञापन सौंपकर पानी सप्लाई दुरूस्त करवाने की मांग की। साथ ही रात्रि चौपालों व जिला स्तरीय जनसुनवाई में भी परिवाद पेश कर पीने का पानी मुहैया करवाने की विनती की गई किन्तु जिला प्रशासन ने इन प्यासे ग्रामीणों को राहत पहूंचाने की रतिभर भी कोशिश नहीं की। पानी नही पहूंचने की शिकायत कई मर्तबा जलदाय विभाग में मौजूद अधिकारियों को भी की गई। किन्तु मिलीभगत ओर रसूखदार होने की वजह से जलदाय विभाग के अधिकारी इनके विरूद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही करने से कतराते रहते है।

सबसे दुखद पहलू यह हैं कि जलदाय विभाग में लिखित शिकायत पेश की गई , शिकायत रजिस्टर को भी सम्बंधित अधिकारियों ने शायद ही कभी देखा हों। वहीं राज्य सरकार के सरकारी पोर्टल सुगम पर दर्जनों शिकायते दर्ज करवाई गई है। साथ ही जिला मुख्यालय पर जनसुनवाई के दौरान कई बार शिकायत पेश करने के बावजूद भी जलदाय विभाग द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई। उल्टे सरकारी मशीनरी का आपसी सामंजस्य नहीं होने के कारण हमेशा जनता की ही कमियों को निकालने में लगे रहते हैं।

जलदाय विभाग के उच्च अधिकारी और कर्मचारी हमेशा लाईन खराब होना बताकर, जलदाय विभाग को विधुत आपूर्ति व्यवस्था के कारण ही बहानेबाजी करते हुए अपने फर्ज की इतिश्री जरूर कर लेते हैं लेकिन ये सरकारी अधिकारीयों और कर्मचारियों के आवासों में कौनसी पाइपलाइन से जलापूर्ति व्यवस्था होती है जो उन्हें सालों तक नहरी मीठा पानी की गर्मियों के मौसम में भी कोई कमी क्यों नहीं महसूस होती है कारण रहते वो भी बाड़मेर शहर में ही अपने परिवार सहित।

इधर पीने के पानी की भयंकर किल्लत से जूझ रहे शहरी क्षेत्र के सैकड़ों परिवारों को वहीं सरकारी पाइपलाइन का अवैध कनेक्शन धारकों से पानी खरीदकर पीना पड़ रहा हैं, जो कि 500- 1000 रूपये प्रति टंकी मिलता हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के लिए तरस रहे परिवार गरीब व किसान वर्ग से आता हैं। जिनके लिए पानी खरीदकर पीना बूते से बाहर की बात है। बावजूद इसके अधिकारीयों की लापरवाही, हठधर्मिता, व अपनो की प्यास के आगे मजबूर ग्रामीण प्यास बुझाने के लिए हर रोज कुआ खोदकर पानी निकालने जैसे हालातों से बहुत दुखी हो चुके है।

– राजस्थान से राजूचारण

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