सरकार ने जनप्रतिनिधियों के कतरे पर, पावर मौजूदा हाकिम को

बाड़मेर/राजस्थान- सरकारी कार्यालयों में लेट लतीफी और आमजनता के कामकाज में रोड़ा अटकाने वाले जनप्रतिनिधियों के आखिरकार पर कतरने शुरू कर दिया है और वही काम मौजूदा प्रशासन के सरकारी अधिकारियों को इसका जिम्मेदारी दी गई है ताकि कोई भी ग्राम पंचायत या फिर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं को धन के अभाव में बन्द नही किया जाएगा और सम्बंधित अधिकारी को तत्काल भुगतान करने के लिए अधिकृत किया गया है।

पंचायती राज संस्थाओं के जरिए होने वाले कार्यों के भुगतान में कई बार नेताओं द्वारा अड़ंगे लगा देते हैं। संयुक्त चेक के जरिए भुगतान ना होने के कारण काम रुक जाता है या फिर बाधित होता है लेकिन अब ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा नहीं होगा।

पंचायती राज संस्थाओं के जरिए होने वाले कार्यों के भुगतान में कई बार नेता अपने स्वार्थ के लिए अड़ंगे लगा देते हैं। संयुक्त चेक के जरिए भुगतान होने के कारण काम रुक जाता है या फिर बाधित होता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यदि भुगतान अति आवश्यक है तो अब चेक पर जनप्रतिनिधि की जगह सम्बंधित अधिकारी हस्ताक्षर कर सकेंगे। प्रदेश सरकार ने अफसरों को यह अधिकार दिए हैं।

ग्रामीण इलाकों में होने वाले कामों में आजकल राजनीति ज्यादा होती है। प्रदेश के कई इलाकों में खजाने की चाबी अपने पास रखने के लिए पुराने सरपंच, प्रधान या प्रमुख के कार्यों के भुगतान वर्तमान जनप्रतिनिधियों को करना होता है तो उसमें अड़ंगा डाल दिया जाता है, जिसके कारण आमजनता के कार्य बाधित होते हैं। इसी बाधा को सरकार ने दूर करने की कोशिश की है। शासन उप सचिव प्रथम निशु कुमार अग्निहोत्री ने प्रदेश के सभी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं।

पत्र के अनुसार एक हजार से अधिक रकम का भुगतान चेक के जरिए किया जाए। यदि जब कभी चेक पर संयुक्त हस्ताक्षर आवश्यक हों और सरपंच, प्रधान, प्रमुख के हस्ताक्षर प्राप्त करना दस पन्द्रह दिन तक संभव न हो और भुगतान अनिवार्य हो तो सरपंच के स्थान पर विकास अधिकारी, प्रधान की जगह मुख्य कार्यपालक अधिकारी व जिला प्रमुख के स्थान पर जिलाधीश चेक पर हस्ताक्षर कर सकेंगे।

– राजस्थान से राजूचारण

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