बाड़मेर/राजस्थान- बाड़मेर शहर में दानजी की होदी क्षेत्र में कृषि भूमि पर भूमाफियाओं द्वारा ग्रेवाल सड़क पर इन्टो की छोटी सी दीवार बनाकर अतिक्रमण करने से आमजनता का सड़क मार्ग बन्द हो गया है, सम्भागिय अधिकारी जोधपुर में बैठते हैं और बाड़मेर जिला कलेक्टर अरूण कुमार पुरोहित कलेक्टर होने के कारण मौके पर जाकर अवलोकन कर नहीं सकते हैं और अन्य अधिकारियों पर भूमाफियाओं का भारी दबाव बनाने के कारण पिछले एक महिने से कालोनी काटने वाले भूमाफियाओं के खिलाफ कोई कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा नहीं होती है और जले पर नमक छिड़कने के लिए कहते हैं क्या हुआ हटा दिया सड़क पर भूमाफियाओं का अतिक्रमण, हमारे द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यवाही नहीं करने के लिए समय समय पर….. आजकल अखबारों में खबरें लिखने से सरकारी अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण नहीं हटता है आप हरे हरे नोटों की गड्डी दिखाओगे तो फिर अतिक्रमण क्या बहुत कुछ हट जाता है सो आगे से ध्यान रखना।
राजस्थान विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने जा रहे हैं। सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस संगठन राजस्थान की सत्ता पर दोबारा काबिज होने के लिए तैयारियों में जुटी हुई है। गहलोत कैबिनेट की अहम बैठक हुई। जिसमें गहलोत कैबिनेट ने उन्नीस नए जिले के प्रस्ताव को मंजूरी दी। नए जिलों के सीमांकन को लेकर राजस्व विभाग ने गजट नोटिफिकेशन पहले ही तैयार कर लिया था। जिलों के सीमांकन और नोटिफिकेशन की प्रक्रिया पर अंतिम मुहर लग गई है। तो आज उन्नीस नए जिले का नोटिफिकेशन जारी किया गया। इसके अलावा तीन नए संभाग बनाए जाने को भी स्वीकार कर लिया गया है। राजस्थान में अब कुल पचास जिले हो गए हैं। राजस्थान में लंबे अरसे से नए जिले की मांग हो रही थी। गहलोत सरकार ने विधानसभा चुनावों से ठीक पहले इस मांग को पूरा कर शानदार रणनीतिक और कूटनीति भरा भाजपाई नेताओं की नज़र में कार्ड खेला है।
गहलोत मंत्रिमंडल के फैसले के बाद राजस्थान में कुल पचास जिले हो जाएंगे। नवगठित जिलों में अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर शहर, जोधपुर ग्रामीण, केकडी, कोटपूतली, खैरथल, नीमकाथाना, फलौदी, सलूम्बर, सांचौर और शाहपुरा शामिल हैं। राजस्थान का सबसे छोटा जिला दूदू बन गया है।जयपुर और जयपुर ग्रामीण को अलग जिला बनाया गया है और इसके अलावा गुजरात बोर्डर के नजदीक सांचौर को भी नया जिला बनाया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए जिले बनाने की मांग को पूरा कर नया राजनीतिक भाजपाई नेताओं के लिए खेला किया है।
कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फैसलों के बारे में जानकारी दी। राजस्थान की मुख्य सचिव उषा शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में बताया कि नए जिले बनने से लोगों को लाभ मिलेगा। साथ ही प्रशासनिक दृष्टि से काम आसान होगा। इससे प्रदेश के विकास को नई रफ्तार मिलेगी। राजस्व सचिव अपर्णा अरोड़ा ने बताया कि उन्नीस नए जिलों के गठन के बाद राजस्थान में कुल पचास जिले हो गए हैं।
राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि यह आम जनता का सम्मान है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जो यह फैसला लिया है, वह प्रशासनिक कामकाज को सुगम बनाएगा। आबादी बढ़ी लेकिन जिले नहीं बढ़े थे। इस वजह से जिला कार्यालयों पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों पर दबाव बढ़ गया था इसलिए नये जिले बनाएं गए हैं लेकिन सरहदी जिले बाड़मेर में आमजनता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कहतीं है की जनता जनार्दन की मूलभूत समस्याओं का समाधान करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी कोई कार्यवाही होनी चाहिए सिर्फ जिले बनाने से काम नहीं चलेगा सरकार जिम्मेदारी निभाइए।
– राजस्थान से राजूचारण