*प्रदेश में एक करोड़ 11 लाख किसानों को किसान सम्मान योजना के प्रथम चरण में लाभान्वित किया गया – कृषि मंत्री, उत्तर प्रदेश
*कृषि मंत्री ने खेती में ऑर्गेनिक कार्बन बढ़ाने व नई तकनीकी के प्रयोग पर दिया जोर
वाराणसी- उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शुक्रवार को मंडली ऑडिटोरियम सभागार में आयोजित खरीफ गोष्ठी में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज खाद्यान्न में हमारा देश व प्रदेश आत्मनिर्भर हुआ है। इसके लिए किसानों का अभिनंदन है। प्रदेश में गत दो वर्ष में रिकॉर्ड उत्पादन हुआ। तिलहन में प्रदेश में रिकॉर्ड उत्पादन हुआ। इसके लिए राष्ट्र स्तर पर प्रथम पुरस्कार के लिए उत्तर प्रदेश को चुना गया है। यह प्रदेश के किसानों के लिए गौरव की बात है।
कृषि मंत्री ने चंदौली व जौनपुर में धान की उत्पादकता प्रदेश मानक से अधिक होने पर वहां के किसानों का विशेष अभिनंदन किया। किसानों में जोश भरते हुए मंत्री ने कहा कि पूर्वांचल का किसान भी खेती में हरियाणा, पंजाब की बराबरी कर सकता है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों के आर्थिक सुरक्षा की अतिमहत्वपूर्ण योजना है। पहले चरण में देश में दो करोड़ 88 लाख किसानों को धनराशि भेजी गई। जिसमें एक करोड़ 11 लाख किसान उत्तर प्रदेश के रहे। 31 जुलाई तक उत्तर प्रदेश के समस्त किसानों के खातों में धनराशि पहुंचेगी।
श्री शाही ने किसानों से अपील की कि वह अपना पंजीकरण अवश्य करा लें। सरकार की योजनाओं का लाभ डीवीटी द्वारा पंजीकृत को प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान बीमा योजना लागू होने जा रही है। जिसका प्रीमियम सरकार देगी। 60 वर्ष की उम्र के बाद किसान को प्रतिवर्ष एक निश्चित धनराशि मिलेगी। इसके लिए भी किसान पंजीकरण करा दे। किसान क्रेडिट कार्ड पर मात्र 4 प्रतिशत ब्याज पर फसली ऋण की व्यवस्था है। मोदी सरकार ने किसानों के उपज की न्यूनतम मूल्यों में वृद्धि करके आय बढ़ाने का प्रयास किया। योगी सरकार में गेहूं खरीद 37 लाख मैट्रिक टन हुई। जो इससे पूर्व वर्षों से कई गुना अधिक है। इस वर्ष भी कोई किसान गेहूं बेचने से छूटे नहीं। इसके लिए खरीद का समय 25 जून, 2019 तक कर दिया गया है।
किसानों की लागत घटाने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान पर बीज एवं कृषि यंत्र की उपलब्धता की गई है। कृषि यंत्रों की खरीद पर सरलीकरण किया गया। किसान आईएसआई मार्का यंत्र अपनी इच्छा से किसी वैध डीलर से क्रय कर सकता है। छूट किसान के खाते में सीधे भेज दी जाएगी। ऑर्गेनिक कार्बन बढ़ाने के लिए 20 हजार कुन्तल ढैचा बीज किसानों को भेजा गया है। वाराणसी में मिर्च एवं आम की फसल तथा गाजीपुर में टमाटर, हरी मटर वह मिर्च की फसल को बीमा आच्छादन में शामिल किया गया है।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रदेश में खरीफ-2019 में उत्पादकता व उत्पादन बढ़ाने तथा किसानों की आय दोगुनी करने के लिए हर स्तर पर किसानों की सहायता व सहयोग की अनेकों योजनाएं लागू की गई है। किसान पाठशाला में शिक्षित करना, उर्वरक, बीज की उपलब्धता, कृषि वैज्ञानिकों के साथ सीधे बात कराने, मृदा परीक्षण कराने, फसली ऋण देने, किसान सम्मान निधि में आर्थिक सहायता देने आदि कार्य किए जा रहे हैं। किसान पंजीकरण अवश्य करा लें और लाभ ले।
गोष्ठी में उपस्थित प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि सरकार द्वारा अभी हाल में अच्छे पढ़े-लिखे युवक-युवतियों के लिए कृषि निर्यात में सहायता योजना लागू की है। इसमें कृषि निर्यात कोर्स करने के लिए ₹50 हजार तथा कोर्स पूरा होने पर निर्यात व्यवसाय शुरू करने के लिए डेढ़ लाख रुपया ब्याज मुक्त मिलेगा। व्यक्ति द्वारा पहला 10 लाख रुपए का निर्यात करने पर यह ₹2 लाख मुक्त हो जाएगा तथा दूसरा 10 लाख रुपए का निर्यात कार्य करने पर पुनः ₹50 हजार मिलेंगे। यह योजना मंडी परिषद द्वारा लागू की गई है।
गोष्ठी में वाराणसी व विंध्याचल मंडल के जिलों से आए किसानों से उनके सुझाव व समस्याएं सुनी गई। जिनका संबंधित जिलाधिकारी एवं विभागीय अधिकारियों ने समाधान किया। कमिश्नर विंध्याचल ने पूरे मंडल में खरीफ उत्पादकता की रणनीति व तैयारियों की रूपरेखा प्रस्तुत की। समस्त जिलाधिकारी ने अपने-अपने जिलों में खरीफ उत्पादकता व्यवस्थाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर सचिव पशुधन उत्तर प्रदेश शासन, निदेशक कृषि, निदेशक मत्स्य, निदेशक उद्यान सहित अन्य उच्चाधिकारियों ने भी जानकारी दी। मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसानों का कहीं भी उत्पीड़न नहीं हो तथा उसकी समस्या का प्राथमिकता पर हल करें। गोष्ठी में किसानों ने जो समस्याएं रखी, उन्हें विभागीय अधिकारियों को तीन-चार दिनों में हल करने के निर्देश दिए गए।
रिपोर्टर:-महेश पाण्डेय नेशनल हेड(AV News)