बरेली – यूं तो पैसे और शौहरत के लिए तो दुनिया काम करती है भाई अगर बात हो मान सम्मान की तो पैसे से उसको नहीं तोला जा सकता। इसी जज़्बे के साथ उत्तर प्रदेश जनपद बरेली मे एक शख्सियत ज्योति ठाकुर ने जो कर दिखाया वह वाकई काबिले तारीफ है पूरा मामला बरेली के करेली करगैना का है जहां के निवासी करेली करगैना ने एक ऐसा जज्बा दिखाने की कोशिश की। जिससे गरीबों को अपनी पहचान बनाने का मौका मिला। इसी के चलते ज्योति ठाकुर ने गरीब बच्चों के शिक्षा को लेकर अपना काम शुरू किया और सिर्फ 4 बच्चों से लेकर उसकी शुरुआत की वहीं इनकी लगन और मेहनत को देखते हुए गरीब परिवारों ने अपने अपने बच्चों को भेजना शुरू किया तब से आज का दिन है विगत 3 वर्षों से आज यह मोहतरमा 400 से अधिक बच्चो को निशुल्क रूप से पढ़ा रहीं हैं जिसका किताबों और कॉपी से लेकर खर्चा सिर्फ समाज सेवी संस्था ही दे रही हैं बाकी शैक्षिक योग्यता यह मोहतरमा बिना कोई शिक्षण शुल्क लिए बिना ही शिक्षा का ज्ञान उन गरीब मासूम बच्चों को दे रही हैं जिसके लिए कई जिलों से इनकी हौसला अफजाई के लिए मुबारकबाद भी लगातार आ रही हैं वही इस संदर्भ में जब ज्योति ठाकुर से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें किसी भी तरीके की कोई वित्तीय सहायता सांसद या विधायक की तरफ से आज तक मुहैया नहीं कराई गई है वह सिर्फ अपने बल पर 3 सालों से अथक परिश्रम करके मासूम बच्चों को अपना शिक्षक ज्ञान देकर उनको उनके पैरों पर खड़ा करने का वीडा उन्होंने खुद उठाया है जिसे सुनकर हर कोई हतप्रभ रह गया आपको बताते चलें कि ज्योति ठाकुर समाजसेवी द्वारा एक मंदिर के प्रांगण में विगत 3 वर्षों से बिना कोई सुविधा शुल्क व शिक्षण शुल्क लिए ही यह मासूम मासूम बच्चों को मुफ्त में शिक्षा का ज्ञान प्रदान कर रही हैं।
– बरेली से तकी रज़ा