सभापति ने उच्च शिक्षाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा, सीएमओ, जिला प्रोबेशन अधिकारी लखनऊ तलब

बरेली। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति की समीक्षा बैठक मे अधिकारियों के पसीने छूट गए। सभापति किरणपाल कश्यप ने वर्ष 2022 से 2025 तक बरेली व बदायूं के माननीयों के पत्रों पर की गई कार्रवाई की समीक्षा के दौरान सांसदों और विधायकों के पत्रों को तरजीह न देने पर नाराजगी जताई। कहा कि अधिकांश अफसर जनप्रतिनिधियों के पत्रों का जवाब ही नही देते है। इस पर अफसर बोले-हम फोन पर बातचीत मे अवगत करा देते है। सभापति ने कहा कि फोन पर बताने भर से काम नही चलेगा। लिखित जवाब देना अनिवार्य है। वही अधूरी जानकारी के साथ बैठक मे पहुंचे उच्च शिक्षाधिकारी का स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश दिए। इसके अलावा सीएमओ, जिला प्रोबेशन अधिकारी की ओर से संतोषनजक जवाब न मिलने पर दस्तावेज लेकर लखनऊ तलब किया। विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति की समीक्षा बैठक विकास भवन सभागार में गुरुवार को दोपहर 12 बजे से शुरू हुई। इस दौरान दोनों जिलों की बुकलेट का प्रस्तुतिकरण ठीक न मिलने पर सभापति ने असंतोष जाहिर किया। बरेली के सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह और जिला प्रोबेशन अधिकारी मोनिका राणा से सभापति ने पूछा कि जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर अभी तक लिखित जवाब क्यों नही दिए। दोनों अफसर संतोषजनक जवाब नही दे पाए। इस पर सभापति ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के संदर्भों की अनदेखी न करें और दस्तावेज के साथ लखनऊ आकर जवाब दें। उच्च शिक्षाधिकारी प्रो. सुधीर कुमार अधूरे दस्तावेजों के साथ पहुंचे थे। इस पर सभापति ने कड़ी नाराजगी जताते हुए एक सप्ताह मे स्पष्टीकरण देने को कहा। बैठक मे बरेली के राजस्व, ग्राम विकास, नगर विकास, लोक निर्माण आदि विभागों की समीक्षा बैठक में बताया कि कुल 49 प्रकरण प्राप्त हुए थे। सभी पर की गई कार्रवाई से जनप्रतिनिधियों को अवगत करा दिया गया है। बैठक मे एमएलसी बहोरन लाल मौयं ने वक्फ की जमीन पर अवैध निर्माण व उस पर किराया वसूलने आदि के संबंध में प्रभावी कार्रवाई कराने के साथ ही ग्राम सिरसा बिछुरिया मे राशन दुकान संबंधी समस्या का निस्तारण करने के निर्देश दिए गए। बैठक मे बदायूं के पीडब्ल्यूडी समेत अन्य विभिन्न विभागों की समीक्षा की गई। ग्राम्य विकास विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकांश कार्यों पर संतोष जाहिर किया। इस दौरान एसएसपी को निर्देश दिए प्राप्त सभी पत्रों का ससमय निस्तारण कर जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया जाए।।

बरेली से कपिल यादव

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