गाजीपुर -देश व प्रदेश में जब नई सरकार बनी थी तो लोगो को भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने की उम्मीद जगी थी। लेकिन ऐसा कुछ होता नही दिख रहा है। ताज़ा आरोप किसी और पर नही बल्कि उन पर लगा है जिन पर स्वच्छता की जिम्मेदारी है। जी हाँ जनपद के जिला पंचायत राज अधिकारी पर आरोप लगा है कि शासन से कार्यालय चलाने के लिए आया बजट की कमी के वजह से सफाई कर्मियों के वेतन का पेरोल जारी करने के लिए प्रति सफाई कर्मी से 300 रुपया की वसूली किया जाता है। और आवाज़ उठाने पर सस्पेंड कर दिया जाता है। इन्ही सब बातों का आरोप लगाते हुए महिला सफाई कर्मी 25 सितम्बर से ही विकास भवन पर भूख हड़ताल पर बैठी है।
जानकारी के अनुसार विकास भवन के मुख्य गेट पर बैठी यह दुलारी है जो जिला पंचायत राज विभाग में सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत है। लेकिन आज यह अपनी ड्यूटी करने के बजाय अपने ही विभाग के अधिकारी पर वसूली का आरोप लगा कर भूख हड़ताल पर बैठी है। दुलारी मनिहारी ब्लाक में कार्यरत थी और संगठन की ब्लाक अध्यक्ष थी। इसका आरोप है कि विभाग के अधिकारी डीपीआरओ के निर्देश पर इन लोगो से प्रतिमाह वेतन का पेरोल भरने के लिए 300 रुपये लिए जाते है और यह रुपया पंचायत राज विभाग का कार्यालय चलाने के लिए लिया जाता है। इसने बताया कि विभाग चलाने के लिए जो भी बजट शासन से आता है वह कम है जिसकी पूर्ति विभाग इनके वेतन से 300 रुपया लेता है। जब इसने आवाज़ उठाई तो कर्मचारी आचरण के उलंघन का आरोप लगा कर सस्पेंड कर दिया गया। जिसके बाद वह सभी जिम्मेदार अधिकारियों के पास गई लेकिन किसी ने नही सुना तब वह तक हार कर वह भूख हड़ताल कर रही है।
एक तरफ जहां यह महिला विकास भवन के मुख्य गेट पर बैठी है उसी विकास भवन में सी डी ओ से लेकर डीपीआरओ तक बैठते है लेकिन साहब को अभी यह नही पता कि वह कहा पर बैठी है। डीपीआरओ ने उस महिला कर्मचारी पर ही कर्मचारी आचरण के उलंघन का आरोप लगाते हुए पूर्व में ही सस्पेंड की बात कही।