वाराणसी- सपा सरकार में पूर्व मंत्री और जेल में बंद गायत्री प्रजापति द्वारा जून माह में वाराणसी के दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के जंगमबाड़ी इलाके के एक व्यापारी से फोन पर खनन के कमीशन का पैसे मांगा गए था। व्यापारी द्वारा को बताये जाने के बाद पुलिस की जांच में गायत्री प्रजापति की संलिप्तात मिली थी।जिसमें उनके दो साथियों को गिरफ्तार भी किया था। इसके बाद वाराणसी पुलिस वारण्ट बी के अंतर्गत गायत्री प्रजापति को वाराणसी लाने के प्रयास कर रही थी दशाश्वमेध थाने के विवेचक ने विवेचना में क्लीन चिट देते हुए पूर्व मंत्री का नाम ही निकाल दिया।
इस मामले की जानकारी एसएसपी को हुई तो शनिवार की देर रात थाना प्रभारी दशाश्वमेध सही विवेचक को निलंबित कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार मामला 30 जून को लखनऊ जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति ने लखनऊ जेल से वाराणसी के व्यापारी को धमकी दी और कमीशन मांगा ना देने पर परिणाम भुगतने की बाते कही गयी थी। इस पर दशाश्वमेध थाने पर दर्ज हुए मुकदमे को ध्यान में रखते हुए तात्कालिक थानाध्यक्ष मनोज कुमार पांडेय ने विवेचना करते हुए आठ दिन में पूर्व मंत्री के दो करीबी को गिरफ्तार किया था।
सबूतों की अनदेखी करते हुए 30 जून को दशाश्वमेध थानाक्षेत्र के जंगमबाड़ी इलाके के व्यापारी अरविन्द तिवारी से बालू खनन के एवज़ में कमीशन मांगने में मुख्य आरोपी पूर्व मंत्री जेल में बंद गायत्री प्रजापति को क्लीन चिट देना दशाश्वमेध थाना प्रभारी और इस घटना के विवेचक को भारी पड़ गया है। नामजद केस में से नाम निकाले जाने से नाराज़ एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने शनिवार की देर रात दशाश्वमेध थानाध्यक्ष बालकृष्ण शुक्ल और विवेचक जयप्रकाश को निलंबित कर दिया है।
रिपोर्टर-:महेश पाण्डेय मण्डल कॉर्डिनेटर वाराणसी