बरेली। नबीरा-ए-आला हजरत व ऑल इंडिया रजा एक्शन कमेटी (आरएसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अदनान रजा कादरी ने संभल की घटना पर एक बयान जारी किया है। बयान मे उन्होंने कहा कि आजकल यह देखने को मिल रहा है कि मस्जिदों के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं में कुछ ज्यादा ही जल्दबाजी दिखाते हुए पहले सर्वे और फिर पूजा तक के आदेश जारी किए जा रहे है। वही ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने लोगो से शांति बनाए रखने की अपील की है। मौलाना ने कहा कि मुसलमानों ने बाबरी मस्जिद के फैसले पर सब्र किया और देश के हालात बिगड़ने नहीं दिए। हमारे सब्र और अमनपसंद होने का नाजायज फायदा उठाया जा रहा है। जहाँ जिसका दिल चाहता है, एक याचिका लेकर कोर्ट पहुँच जाता है कि मस्जिद नहीं मंदिर है, इसका सर्वे कराओ। ऐसे मे न्यायपालिका की जिम्मेदारी बनती है कि वो इस षड्यंत्र को समझते हुए ऐसी याचिका दायर करने वालों पर नकेल कसे। साथ ही कहा कि इसके उलट कुछ जजों ने आनन-फानन में सर्वे और यहां तक कि पूजा की इजाजत देने तक के फैसले कर डाले। पुलिस और प्रशासन के अफसर भी आनन-फानन में मस्जिदों में घुस जाते हैं, मानो उनके पास कोई और काम ही नहीं बचा है। साथ ही मौलाना ने सुप्रीम कोर्ट से भी अपील की है कि हालात पर ध्यान देकर कानून के नाम पर कानून तोड़ने वाले फैसलों पर रोक लगाई जाए। वही मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने नाराजगी जताते हुए लोगों से अपील की है कि वह कानून व्यवस्था से खिलवाड़ ना करें। उन्होंने पत्थरबाजी करने वाले लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सर्वे एक सामान्य सी प्रक्रिया है। सर्वे का मतलब यह नही कि आपकी मस्जिद को ढहा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कानून सबके लिए एक है। वह किसी भी हाल मे शांति व्यवस्था से खिलवाड़ ना करें। उन्होंने कहा कि इस्लाम हमे इसकी इजाजत नही देता है। मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि जामा मस्जिद तारीखे मस्जिद है। बड़ी ऐतिहासिक मस्जिद है। कोर्ट से भी जीत हमारी होगी क्योंकि मस्जिद खुद अपने आपमें एक सहादत देती है।।
बरेली से कपिल यादव