संपन्न हुई अलविदा की नमाज़

बरुआसागर(झाँसी)- पवित्र रमजान माह की अलबिदा जुमा की नमाज नगर की मस्जिद में अदा की गयी।नगर सहित देश मे सुख शान्ती के रहमत के लिए अल्ला से दुआ करते हुए नमाजियों ने देश की सुख शांति की कामना की।रमजान माह का आखिरी जुमा की नमाज शुक्रवार को नगर की दोनों मस्जिदों में अदा की गयी।परंपरा के मुताबिक इसे अलविदा जुमा कहा जाता है।शुक्रवार को अलविदा की नमाज पूरेअकीदत व एहतराम के साथ नगर की दोनों मस्जिदों में अदा की गयी।वैसे तो इस्लाम में हर नमाज और हर जुमे की अहमियत है, लेकिन रमजान का आखिरी जुमा खास ही होता है।नगर के रमजान का आखिरी जुमा
अलविदा जुमा कारी साहब हजरत जिलाल उद्दीन बेहरानपुरी जी ने नमाज पढवाई और सब के लिये अमन चेन की दुवा मागी।जुमा कारी साहब ने बताया कि अलविदा का मतलब है किसी चीज के रुखसत होने का यानी रमजान हमसे रुखसत हो रहा है. इसलिए इस मौके पर जुमे में अल्लाह से खास दुआ की जाती है कि आने वाला रमजान हम सब को नसीब हो।बताया कि रमजान की बरकतें व रहमतें हर महीनों से ज्यादा होती हैं. अलविदा की नमाज के लिए तैयारियां शुरु हो गई हैं. इस पाक महीने के 30 दिन खत्म होने के बाद ईद का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

क्या है अलविदा की नमाज
अलविदा यानि रमजान के आखिर में पड़ने वाला जुमा. इस जुमे के साथ ही रमजान अपने आखिरी पड़ाव पर आ जाता है. अल्लाह ने इस जुमे को सबसे अफजल करार दिया है. हदीस शरीफ में इस जुमे को सय्यदुल अय्याम कहा गया है. माहे रमजान से मुहब्बत करने वाले कुछ लोग अलविदा के दिन गमगीन हो जाते हैं

रिपोर्ट:अमित जैन, उमेश रजक बरूआसागर

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