संत रामपाल जी महाराज के सतसंग का किया गया आयोजन

बरेली- फतेहगंज पश्चिमी गांव रसुलिया(बिक्रमपुर) में संत रामपाल जी महाराज का सतसंग का आयोजन हुआ। इस सतसंग में स्थानीय एवं दूरदराज से श्रद्धालु सतसंग श्रवण करने पहुंचे।सतसंग की शुरुआत में बताया कि ” धन के पीछे लगने से मनुष्य अधोगति को प्राप्त होता है ।नरसी भगत की यथार्थ सत्य कथा का वर्णन करते हुऐ बताया कि नरसी भगत के पास 56 करोड़ की संम्पति थी।संतान रुप में एक ही पुत्री थी वो व्याह दी थी।कोई पुत्र नहीं था।लेकिन नरसिंह बहुत कंजूस व्यक्ति था ।कुछ भी दान धर्म नहीं करता था।परमात्मा जानते थे कि मरने के बाद इसकी बहुत बुरी दुर्गति बनेगी।इसलिए परमात्मा ने नरसिंह की परीक्षा लेकर उसे भक्ति मार्ग पर लगाया।
आज भौतिकवादी और मॉर्डन युग में सतसंग और भक्ति का मजाक उड़ाया जाता है ।लेकिन परमात्मा अपना विधान नहीं बदलते हैं।इसलिए भक्ति करना बहुत आवश्यक है। जेठ के महीने भीषण गर्मी पड़ने के कारण सत्संग के लोगों द्वारा सभी भक्तजनों को एवं राह चलते ग्रामीण एवं मोटरसाइकिल कार चालकों ठंडा मीठा शरबत पिलाया गया ग्राम
रसुलिया में हुए इस सतसंग में महेन्द्र दास,ऊषा दासी, अमन सिंह नरेश दिवाकर अरविंद दिवाकर डॉक्टर मुदित प्रताप सिंह प्रेमपाल दास गौरव चौहान सूरज राठौर वरुण प्रताप सिंह ,कीरतपाल दास और रामकुमार दास मिथुन सिंह उर्फ मयूर सिंह वीर पाल गंगवार आदि लोग सामिल रहे।

– बरेली से सौरभ पाठक की रिपोर्ट

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