मध्यप्रदेश /रैठरा- चैत्र नवरात्रि पर्व पर नौ दिनों तक जहां चारों ओर जगत जननी मां जगदंबे जयकारों के साथ समूचा वातावरण धर्ममय बना रहा वही रविवार को जवारे विसर्जन हुए इस अवसर पर जहां पाटन ब्लॉक सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी विभिन्न देवी मंदिरों में एवं दिवालो पर रखे हुए जवारों को बड़े श्रृंद्धाभाव के साथ धार्मिक वातावरण में महिलाएं सिर पर रखकर समूह जगहों पर पहुंचकर जवारों का विसर्जन किया इसी तरह पाटन ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम रैठरा में भी एक ही स्थान पर रखे हुए जवारों का पूरे गांव की मौजूदगी में श्रृद्धाभाव गांव के तालाब में जवारों का विसर्जन किया गया इन नौ दिनों तक व्रत का उपवास रखने वाले देवी भक्तों ने भी जवारों के दर्शन के उपरांत देवी मंदिरों में पहुंचकर प्रसाद चढ़ाकर एवं पूजन आदि कर अपना व्रत तोड़कर भोजन ग्रहण किया नौ दिनों तक ऐसे अनेक भक्त रहे हैं जो सिर्फ एक गिलास दूध या फलाहार या बिना कुछ लिये हुए ही मां देवी की भक्ति में लीन रहकर व्रत रखे हुए थे इसके अलावा कुछ ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में भक्त रहे हैं जिन्होंने अपने शरीर पर भी जवारे बो कर इन नौ दिनों तक देवी की भक्ति की है
प्रातः काल से जवारों का चला दौर
पुरातन काल से ऐसी मान्यता चली आ रही है कि नवरात्रि पर्व में जवारे जितने हरे भरे होंगे फसले भी उतनी ही अच्छी होती है इसके अलावा एक मान्यता यह भी है कि जगत जननी माता रानी के प्रति भक्ति भाव भी दर्शाती है जवारों की परम्परा प्राचीन काल से ही ग्रामीण क्षेत्रों में चली आ रही है रविवार को सुबह से ही ग्रामीण क्षेत्रों में जवारे विसर्जन का दौर प्रारंभ हो गया था नवरात्रि में पूरे श्रृंद्धाभाव के साथ जवारों की सेवा कर जगदंबे को खुश करते हैं और देवी मां उसी सेवा का आशीर्वाद जवारों के रूप में देती है।
– अभिषेक रजक पाटन,मध्यप्रदेश