श्रीकृष्ण और रुक्मिणी विवाह के प्रसंग पर श्रद्धालुओं ने बरसाए फूल

बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। कस्बे के मोहल्ला साहूकारा स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर मढ़ी परिसर मे आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। वृदांवन से आये कथावाचक पूज्य महाराज योगेश बृजवासी जी ने उधव चरित्र, भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उद्धव गोपी संवाद, द्वारका की स्थापना, महारासलीला व रुक्मिणी विवाह का वर्णन किया। परम पूज्य महाराज योगेश बृजवासी ने कहा कि महारास मे पांच अध्याय है। उनमें गाये जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है।भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों को रास के माध्यम से सदैव के लिए परमानंद की अनुभूति करवाई। 16 हजार कन्याओं से विवाह कर उनके साथ सुखमय जीवन बिताया। रुक्मिणी विवाह का वर्णन करते हुऐ कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने सभी राजाओं को हराकर विदर्भ की राजकुमारी रुक्मिणी को द्वारका मे लाकर उनका विधिपूर्वक पाणिग्रहण किया। मौके पर आयोजक मंडली की ओर से आकर्षक वेश-भूषा में श्रीकृष्ण व रुक्मिणी विवाह की झांकी प्रस्तुत कर विवाह संस्कार की रस्मों को पूरा किया गया। जिसमें श्रद्धालु भावविभोर होकर झूमकर नाचे। महिलाओं ने रुक्मिणी का कन्यादान की रस्म अदा की। इस मौके पर भजन आज मेरे श्याम की शादी है। मेरे घर श्याम की शादी का भजन प्रस्तुत किया। कथा समारोह मे कैलाश अग्रवाल, शशि रानी अग्रवाल, राहुल अग्रवाल, विक्की अग्रवाल, प्रहलाद अग्रवाल, अरविंद अग्रवाल व समस्त परिवार के अलावा के अलावा सैकड़ो श्रद्धालु मौजूद रहे।।

बरेली से कपिल यादव

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