बरेली। अन्नकूट पूजन उत्सव जिले भर के मंदिरों मे शनिवार को धूमधाम से मनाया गया। विधि-विधान से लोगों ने गोवर्धन पूजन किया। मंदिरों में भंडारे का आयोजन किया गया और लोगों को प्रसाद बांटा गया। भक्तों ने पूजन अर्चन के साथ आरती की और विश्व कल्याण की कामना की। आस्था व श्रद्धा का पर्व गोवर्धन पूजा उत्साह और आस्था पूर्वक मनाया गया। इस दौरान मंदिरों में सुबह से ही श्रद्वालुओं ने गोवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना की और 56 व्यंजनों का भोग लगाकर अपनी आस्था को प्रकट किया। जिससे वातावरण कृष्णमय हो गया। वही पूजा-अर्चना के बाद भंडारे का आयोजन किया। जिसमे हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। शनिवार की सुबह होते ही लोगो ने अपने घरों की सफाई कर गोवर्धन पर्वत का स्वरूप बनाकर पूजन किया और उसके बाद नजदीक के मंदिरों मे जाकर पूजा अर्चना की। इस दौरान शहर के त्रिवटीनाथ मंदिर, मनोकामना मंदिर, साई मंदिर, चरगद वाले मंदिर, बड़ा बाग स्थित हनुमान मंदिर सहित विभिन मंदिरों मे श्रद्वालुओं ने 56 भोग का प्रसाद गोवर्धन पर्वत के समक्ष चढ़ाया और भक्ति भाव से आराधना की। किला स्थित तुलसीमठ गद्दी स्थल में शनिवार को विधिविधान से अन्नकूट महोत्सव का आयोजन हुआ। यहां सभी को प्रसाद का वितरण किया गया। अन्नकूट पर शनिवार को सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। भजन-कीर्तन से वातावरण भक्तिमय हो गया। गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहयौ… जयकारों के साथ भगवान को छप्पन भोग लगाया गया। घरों मे लोगों ने गोवर्धन पर्वत उठाते हुए श्रीकृष्ण की आकृति बनाकर पूजन किया। शहर के बरगद वाला लाल कल्लू मल का मंदिर, आनंद आश्रम, इस्कॉन मंदिर, गोपेश्वरनाथ धाम आदि मंदिरों में कार्यक्रम धूमधाम से हुए। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर ब्रजवासियों ने गोवर्धन की पूजा करनी शुरू कर दी थी। जिस कारण इन्द्रदेव क्रोधित हुये और ब्रज मे घनघोर वर्षा प्रारम्भ कर दी। इसके बाद चारों और तबाही का मंजर हो गया। जिसे देखकर भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया और ब्रजवासियों की रक्षा की। श्यामगंज स्थित श्री शिरडी साई सर्वदेव मंदिर मे अत्रकूट महोत्सव के मौके वन व पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार पहुंचे और पूजा अर्चना मे शामिल होकर अन्नकूट का प्रसाद ग्रहण किया।।
बरेली से कपिल यादव